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३५०. अप्रशस्त भावना के प्रकार । ३५१. प्रशस्त भावना के प्रकार । ३५२-५६. दर्शन भावना का लक्षण तथा स्वरूप । ३५७-५९. ज्ञान भावना का लक्षण तथा स्वरूप । ३६०,३६१. चारित्र भावना का लक्षण तथा स्वरूप । ३६२. तप भावना का स्वरूप। ३६३. वैराग्य भावना का प्रतिपादन ।
नियुक्तिपंचक चौथो चूला : विमुक्ति ३६४. विमुक्ति अध्ययन के अधिकारों का निर्देश ।
मोक्षवत् विमुक्ति के निक्षेप का कथन तथा देशमुक्त और सर्व मुक्त कौन ? पंचम चला-निशीथ की नियुक्ति करने की
प्रतिज्ञा । ३६७,६६८. आचारांग के अध्ययनों के उद्देशकों की संख्या
का निर्देश।
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