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आवश्यक नियुक्ति
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५८८/१९. उवओगदिट्ठसारा, कम्मपसंगपरिघोलणविसाला।
साहुक्कारफलवती, कम्मसमुत्था हवति बुद्धी । ५८८/२०. हेरण्णिए करिसए, कोलिय डोवे य मुत्ति-घय-पवए।
तुण्णाग वड्डगीरे पूइए य घड चित्तकारे य॥ ५८८/२१. अणुमाण-हेतु-दिटुंत, साधिया वय-विवागपरिणामा' ।
हितनिस्सेसफलवती, बुद्धी परिणामिया णाम || ५८८/२२. अभए सेट्ठि- कुमारे, देवी उदितोदए' हवति राया।
साहू य नंदिसेणे, धणदत्ते सावग अमच्चे ॥ ५८८/२३. खमगे११ अमच्चपुत्ते, चाणक्के चेव थूलभद्दे य।
नासिक्कसुंदरी णंदे, वइरे परिणामिया बुद्धी२ ॥ ५८८/२४. चलणाहय१३-आमंडे, मणी य सप्पे य खग्गि" थूभिंदे।
परिणामियबुद्धीए, एवमादी उदाहरणा५ ॥ ५८८/२५. न किलम्मति६ जो तवसा, सो तवसिद्धो दढप्पहारिव्व।
सो कम्मक्खयसिद्धो, जो सव्वक्खीणकम्मंसो० ॥ दीहकालरयं जं तु, कम्मं से सितमट्ठधा।
सितं धंतंति८ सिद्धस्स, सिद्धत्तमुवजायई ॥ ५९०. नाऊण वेदणिजं, अइबहुगं आउगं च थोवागं२० ।
गंतूण समुग्घातं, खवेंति२९ कम्मं निरवसेसं ॥
१. नंदी ३८८, स्वो ६६८/३६११ । २. डोए (नंदी), दोए (स्वो)। ३. वड्डइ (नंदी ३८/९)। ४. पूविए (स्वो ६६९/३६१६)। ५. विक्क्क (स, स्वो ६७०/३६१८)। ६. "निस्सेयस (हा, दी, म), 'यसफलवइ (ब)। ७. नंदी ३८/१०। ८. सिट्ठि (हा, दी, ब)। ९. "तोदिए (म)। १०. नंदी ३८/११, स्वो ६७१/३६२३ । ११. खमए (स, चू, म), खवगे (हा, दी)। १२. नंदी ३८/१२, स्वो ६७२/३६२४।। १३. 'णाहण (स्वो), चलणे य तह (म)।
१४. खग्गी (म), खग्ग (ब, स्वो ३६२५)। १५. नंदी ३८/१३, गाथा के उत्तरार्ध में छंदभंग है। १६. किलिम्मए (अ)। १७. इस गाथा में ५८८ वीं गाथा में वर्णित तपःसिद्ध और कर्मक्षयसिद्ध
का वर्णन है। यह गाथा भी निगा की नहीं होनी चाहिए। मुद्रित स्वो (३६२६) में यह भागा के क्रम में है। देखें टिप्पण
५८८/१ तथा ५८८/१२। १८. धंते त्ति (स्वो ६७३/३६२७)। १९. “जाई (अ), 'जायइ (हा, दी), नियुक्तिश्लोकसंक्षेपार्थः (महेटी),
गाथा में अनुष्टुप् छंद है, मू. तु. ५०७। २०. अतिथोवं (स्वो)। २१. खवेइ (म),खवेति (स्वो ३७४/३६२८)।
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