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लवणांकुश का राम-लक्ष्मण से युद्ध
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'महाशय ! ये कुमार श्रीरामभद्रजी के पुत्र एवं मेरे भानेज हैं । अब मैं किस पक्ष को शत्रुपक्ष मानूं ?"
भामण्डल की बात सुनते ही सुग्रीवादि युद्धस्थल छोड़ कर सीतादेवी के समीप आये और प्रणाम कर कुशल-क्षेम पूछने लगे ।
युद्ध उग्र से उग्रतर हो गया । लवण और अंकुशकुमार के युद्धप्रहार को राम-सेना सहन नहीं कर सकी और पीछे हटती हुई भाग गई । ये कुमार जिस ओर जाते, उस ओर के सैनिक दहल जाते । हाथीसवार हो या घुड़सवार, बस या तो लड़ कर रणखेत रहा, या भाग चला । इस प्रकार शत्रु सेना को खदेड़ते हुए वे दोनों वीर, राम और लक्ष्मण के समक्ष आ डटे । उन्हें सामने आये देख कर राम, लक्ष्मण से पूछने लगे-
८.८
"ये सुन्दर युवक बड़े ही आकर्षक लगते हैं । मेरे मन में इनके प्रति शत्रुता नहीं, स्नेह उत्पन्न हो रहा है । इच्छा होती है कि इन्हें हृदय से चिपका लूँ । इनका माथा चूम लूं । इन पर शस्त्र - प्रहार करने का मन ही नहीं होता ।"
“हां आर्य ! मेरा मन भी इनकी सुन्दराकृति ने मोह लिया । इन्हें देखते ही मेरा क्रोध एकदम शांत हो गया । इनके लिए अनायास ही वात्सल्य भाव उमड़ रहा है । किन्तु परिस्थितिवश शस्त्र चलाना ही पड़ेगा ।"
-- राम और लक्ष्मण रथारूढ़ हो, सेना के अग्रभाग पर पहुँच गए। उधर लवण और अंकुश भी आ डटे । राम का सामना लवणकुमार से और लक्ष्मण का अंकुश से हुआ । उन कुमारों ने अपने प्रतिद्वंद्वी पूज्य को सम्बोधित कर कहा-
“ आप जैसे विश्वविजेता, राक्षसपति रावण जैसे दुर्दान्त का संहार करने वाले तथा न्याय-शिरोमणी, आदर्श नरेन्द्र के साथ युद्ध में प्रवृत्त होते मुझे अत्यन्त हर्ष हो रहा है ! आपकी जिस युद्ध-पिपासा को रावण ने भी तृप्त नहीं की, उसे में तृप्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ । सर्वप्रथम इस बालक का प्रणाम स्वीकार करें ।"
इस प्रकार कह कर दोनों पक्ष के युगल वीरों ने अपने-अपने धनुष का घोर एवं गम्भीर ध्वनियुक्त आस्फालन किया । राम के रथ को कृतांत सारथी ने और लवण के रथ को वज्रजंघ नरेश ने एक-दूसरे के सम्मुख खड़ा किया। इसी प्रकार लक्ष्मण के रथ के
नरेश हुए। युद्ध छिड़
आगे बढ़ाना, रोकना,
सारथी विराध नरेश बने और अंकुश के सारथी उनके श्वशूर पृथु गया । सारथी अपने रथों का संचालन बड़ी कुशलता से कर रहे थे । मोड़ दे कर प्रहार या बचाव योग्य स्थिति बनाने का प्रयत्न वे रहे थे। दोनों कुमार तो अपने विपक्षी - - राम और लक्ष्मण के साथ के अपने सम्बन्ध
बड़ी चतुराई से कर
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