SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 77
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४८ पंचसंग्रह : ६ उससे संख्यातवें भाग के बाद के तीसरे समय की जघन्य विशुद्धि अनन्तगुण, इस तरह ऊपर के एक-एक समय की उत्कृष्ट और संख्यातवें भाग के बाद के एक-एक समय की जघन्य अनन्तगुण विशुद्धि यथाप्रवृत्तकरण के चरम समय पर्यन्त जानना चाहिये। यथाप्रवृत्तकरण के अन्तिम संख्यातवें भाग में जो उत्कृष्ट विशुद्धि अनुक्त है उसे भी उत्तरोत्तर अनन्तगुण समझना चाहिये । इस प्रकार यथाप्रवृत्तकरण में विशुद्धि का तारतम्य होता है।। इस तरह से यथाप्रवृत्तकरण पूर्ण कर अपूर्वकरण में प्रवेश करता है । अपूर्वकरण में भी प्रति समय नाना जीवों की अपेक्षा असंख्यातलोकाकाशप्रदेशप्रमाण विशुद्धि के स्थान होते हैं और पूर्व-पूर्व समय से उत्तरोत्तर समय में अधिक होते हैं तथा प्रत्येक समय के विशुद्धि स्थान षट्स्थानपतित हैं। विशुद्धि का तारतम्य इस प्रकार है-यथाप्रवृत्तकरण के चरम समय की उत्कृष्ट विशुद्धि से अपूर्वकरण के प्रथम समय की जघन्यविशुद्धि अनन्तगुणी होतो है, उससे उसी समय की उत्कृष्ट विशुद्धि अनन्तगुण, उससे दूसरे समय की जघन्य विशुद्धि अनन्तगुण, उससे उसी समय की उत्कृष्ट विशुद्धि अनन्तगुण है। इस प्रकार अपूर्वकरण के चरम समय पर्यन्त विशुद्धि का तारतम्य होता है तथा अपूर्वकरण के प्रथम समय से लेकर स्थितिघात, रसघात, गुणश्रेणि, गुणसंक्रम और अन्य स्थितिबंध ये पाँच बातें एक साथ प्रारम्भ होती हैं। जिनका आशय इस प्रकार है स्थितिघात--अर्थात् जो सत्तागत स्थिति के ऊपर के भाग में से अधिक-से-अधिक सैकड़ों सागरोपम प्रमाण और कम-से-कम पल्योपम के संख्यातवें भाग प्रमाण स्थिति के खण्ड हैं, उनका क्षय करने का प्रयत्न करता है-उतने स्थान में के दलिकों को हटाकर भूमि साफ करने का प्रयत्न करता है। उसके दलिकों को नीचे जिस स्थिति का घात नहीं होना है, उसमें निक्षिप्त करता है । इस तरह पूर्व-पूर्व समय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001906
Book TitlePanchsangraha Part 09
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1985
Total Pages224
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy