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गाथा ८२
१८६-१९.
यथाप्रवृत्तसंक्रम के अपहार काल का प्रमाण
१६० गाथा ८३, ८४
१६१-१६४ प्रदेशसंक्रमापेक्षा उत्तरप्रकृतियों की साद्यादि प्ररूपणा १६१ साद्यादि भंग प्ररूपणा का प्रारूप
१६४ गाथा ८५, ८६, ८७, ८८, ८९
१९५-२०१ उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम स्वामित्व प्ररूपणा के प्रसंग में गुणित
कर्मांश का स्वरूप निर्देश गाथा ६०
२०१-२०२ औदारिकसप्तक आदि इक्कीस प्रकृतियों का उत्कृष्ट प्रदेश संक्रम स्वामित्व
२०२ सातावेदनीय का उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम स्वामित्व
२०२ गाथा ६१
२०३-२०४ दर्शनावरण, वेदनीय, नाम, गोत्र कर्म की बत्तीस अशुभ प्रकृ- . तियों का उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रमस्वामित्व
२०३ गाथा ६२
२०४-२०५ दर्शनमोहत्रिक का उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम स्वामित्व
२०४ गाथा ९३
२०५-२०६ अनन्तानुबंधि का उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम स्वामित्व
२०५ गाथा ६४, ६५, ६६, ६७
२०६-२११ वेदत्रिक का उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम स्वामित्व
२०६ संज्वलनत्रिक का उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम स्वामित्व
२११ गाथा १८
२१२-२१४ संज्वलनलोभ, गोत्रद्विक का उत्कृष्ट प्रदेशसंक्रम स्वामित्व २१२ गाथा ६६
२१४-२१७ पराघात आदि शुभ ध्रुवबंधिनी तेरह प्रकृतियों का उत्कृष्ट
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