SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 225
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७८ पंचसंग्रह : ६ पर जो रसबंधाध्यवसाय थे, वे पल्योपम के असंख्यातवें भाग के समय प्रमाण स्थितिस्थानों तक पहुँचे । उसके बाद के स्थितिस्थान में जघन्य स्थिति सम्बन्धी रसबंधाध्यवसायों में का एक भी स्थान नहीं होता है। इसी प्रकार से प्रत्येक स्थितिस्थान सम्बन्धी रसबंधाध्यवसाय का अनुसरण पल्योपम के असंख्यातवें भाग के स्थितिस्थानों पर्यन्त ही होता है। उक्त प्रकार से प्रत्येक स्थितिस्थान सम्बन्धी रसबंधाध्यवसायों का असंख्यातवां-असंख्यातवां भाग छोड़कर शेष सभी ऊपर-ऊपर के स्थितिस्थान में जाते हैं और प्रत्येक स्थान की अनुकृष्टि के पल्योपम के असंख्यातवें भाग के समय पर्यन्त ही होती है। इस प्रकार जघन्य स्थितिबंधभावी रसबंधाध्यवसाय की अनुकृष्टि पल्योपम के असंख्यातवें भाग के समय प्रमाण स्थितिस्थानों तक हुई। पल्योपम के असंख्यातवें भाग प्रमाण स्थितिस्थानों में के अंतिम स्थान में पहले स्थान के कितनेक रसबंधाध्यवसाय आये, किन्तु उससे ऊपर के स्थान में नहीं आते हैं। इसका तात्पर्य यह हुआ कि पहला स्थितिस्थान बांधते हुए रसबंध के योग्य जिन-जिन अध्यवसायों से जैसाजैसा रस बंधता था वे-वे अध्यवसाय जहाँ तक पहुँचे उनसे वहाँ-वहाँ वैसा-वैसा रसबंध होता है । इसी प्रकार सर्वत्र समझना चाहिये । . जघन्य स्थितिस्थान के रसबंधाध्यवसायों की अनुकृष्टि कंडक अर्थात् पल्योपम के असंख्यातवें भाग में जितने समय होते हैं, उतने स्थान पर्यन्त होती है। दूसरे, तीसरे, आदि स्थितिस्थान संबंधी रसबंध के अध्यवसायों की अनुकृष्टि कंडक के ऊपर-ऊपर के समय पर्यन्त जाती है। इस प्रकार उत्कृष्ट स्थिति पर्यन्त जानना चाहिये । इसका तात्पर्य यह हुआ कि जघन्यबंध करने पर रसबंध के हेतुभूत जो अध्यवसाय थे उनका प्रत्येक स्थितिस्थान में प्रारम्भ से ही असंख्यातवां भाग छूटते-छूटते उनकी अनुकृष्टि कंडक—पल्योपम के असंख्यातवें भाग के समय प्रमाण स्थान पर्यन्त हुई । इसी प्रकार
SR No.001903
Book TitlePanchsangraha Part 06
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1986
Total Pages394
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy