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गाथा ८२
आयु कर्म में उत्कृष्ट प्रदेशबन्ध कैसे ?
गाथा ८३
( ४४ )
प्रदेशबन्धापेक्षा सामान्य से मूल कर्मों की साद्यादि
प्ररूपणा
गाथा ८४, ८५
आयु और मोहनीय कर्म के सिवाय शेष छह कर्मों के साद्यादि भंग का विशेष निरूपण
२८२-२८३
२-२
गाथा ८६, ८७
मोहनीय और आयु कर्म के साद्यादि भंगों का निरूपण
अध्रुवबंधिनी प्रकृतियों की साद्यादि प्ररूपणा मूल प्रकृतियों का उत्कृष्ट प्रदेश बन्ध स्वामित्व
२८३२८४
गाथा ८८, ८६, ६०
ज्ञानावरणपंचक आदि तीस ध्रुवबंधिनी प्रकृतियों की सादि-अनादि प्ररूपणा
मिथ्यात्व आदि सत्रह ध वबंधिनी प्रकृतियों की सादि
अनादि प्ररूपणा
जघन्य प्रदेशबंध स्वामित्व की योग्यता
मूल कर्म प्रकृतियों के जघन्य प्रदेश बंध के स्वामी उत्तर प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशबंध स्वामित्व
२८४
२८४ - २८७
गाथा ६२
मिथ्यात्व अनन्तानुबंधिचतुष्क, स्त्यानद्धित्रिक के
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२८७–२८६
गाथा ६१
अध्रुवबंधिनी प्रकृतियों के उत्कृष्ट प्रदेशबंध के स्वामित्व का नियम और स्वामी
२८५
२६५
२६६
२६७
ध्रुवबंधिनी उत्तर प्रकृतियों का उत्कृष्ट प्रदेश बंध स्वामित्व २६६
३०१-३११
२८८
२८६-३०१
२६०
३०२
३०६
३०७
३०६
३११ – ३१७
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