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पंचसंग्रह : ५
कम
प्रकृतियां
उत्कृष्ट बंधकाल
जघन्य बंधकाल
१०
एक समय
नरकद्विक, एकेन्द्रियादि- | अन्तमुहूर्त जातिचतुष्क, आहारकद्विक, अंतिम पांच संहनन | व संस्थान, अशुभ विहायोगति, आतप, उद्योत, स्थिर, शुभ, यशःकीर्ति, स्थावर दशक
पंचेन्द्रिय जाति, पराघात, | साधिक चार पल्योपम | एक समय उच्छ्वास, सचतुष्क / सहित एक सौ पचासी ।
सागरोसम
१२ ।
औदारिक शरीर असंख्य पुद्गल परावर्तन वर्णचतुष्क, तेजस, कार्मण, अभव्याश्रयी अनादि- अगुरुलघु, निर्माण, उप- । अनन्त, भव्याश्रयी अनादिघात
सांत, पतिताश्रयी देशोन अर्ध पुद्गल परावर्तन
अन्तर्मुहूर्त
समचतुरस्रसंस्थान, शभ साधिक एक सौ बर्तःस एक समय विहायोगति, सुभग, सुस्वर सागरोपम आदेय
१५ तीर्थकरनामकर्म
देशोन दो पूर्व कोटि वर्ष | अन्तमुहूर्त अधिक तेतीस सागरोपम
| उच्चगोत्र
साधिक एक सो बत्तीस | एक समय सागरोपम
१७ / नीचगोत्र
असंख्यात उत्सर्पिणी | एक समय
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