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________________ गुरुभक्त सुश्रावक श्रीमान सोनराजजी सा० मुथा ( गंगावती ) आप मादलिया निवासी श्रीमान् जैवंतराजजी सा. मुथा के सुपुत्र हैं । आपने परिश्रमपूर्वक लक्ष्मी उपार्जन की और समाज के सभी क्षेत्रों में उसका सदुपयोग किया। आप सरल हृदय के धर्मप्रेमी श्रावक है | गुप्तदान तथा अतिथि सेवा में आपको विशेष रुचि है । स्व. गुरुदेव श्री मरुधर केसरीजी महाराज के प्रति आपके हृदय में सदा ही असीम आस्था रही है । सेवा क्षेत्र में आपका उत्साह सभी के लिए प्रेरणादायी है । आप गंगावती (कर्नाटक) के प्रसिद्ध उद्योगपति है। सरस्वती ट्रेडिंग कंपनी गंगावती, नाम से आपकी फर्म अपनी नीतिमत्ता व कुशल व्यवसाय के कारण सुप्रतिष्ठित है । प्रस्तुत प्रकाशन में आपकी तर्फ से उदार अर्थ सहयोग प्राप्त हुआ है | हम आपके धर्ममय सुखी दीर्घजीवन को शुभकामना करते हुए आशा करते हैं कि आप इसी प्रकार सदा धर्म एवं समाज की महान् सेवाएँ करते रहें । Jain Education International ( १६ ) For Private & Personal Use Only - मंत्री प्रकाशन समिति www.jainelibrary.org
SR No.001900
Book TitlePanchsangraha Part 03
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1985
Total Pages236
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size12 MB
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