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सप्ततिका प्रकरण
में २८, २४ २३ और २२ प्रकृतिक, ये चार सत्तास्थान हैं । इस प्रकार यहाँ कुल १७ सत्तास्थान होते हैं ।
प्रमत्त विरत गुणस्थान में 8 प्रकृतिक बंधस्थान तथा ४, ५, ६ और ७ प्रकृतिक, ये चार उदयस्थान हैं । इनमें से ४ प्रकृतिक उदयस्थान में २८, २४ और २१ प्रकृतिक, ये तीन सत्तास्थान होते हैं । ५ और ६ प्रकृतिक उदयस्थानों में से प्रत्येक में २८, २४, २३, २२ और २१ प्रकृतिक ये पांच-पांच सत्तास्थान हैं तथा ७ प्रकृतिक उदयस्थान में २८, २४, २३ और २२ प्रकृतिक, ये चार सत्तास्थान हैं । इस प्रकार यहाँ कुल १७ सत्तास्थान होते हैं ।
अप्रमत्तसंयत गुणस्थान में पूर्वोक्त प्रमत्तसंयत गुणस्थान की तरह १७ सत्तास्थान जानना चाहिये ।
अपूर्वकरण गुणस्थान में 8 प्रकृतिक बंधस्थान और ४, ५ तथा ६प्रकृतिक उदयस्थान तथा इन तीन उदयस्थानों में से प्रत्येक में २८, २४ और २१ प्रकृतिक ये तीन-तीन सत्तास्थान होते हैं। इस प्रकार यहाँ कुल ६ सत्तास्थान होते हैं ।
अनिवृत्तिबादर गुणस्थान में ५, ४, ३, २ और १ प्रकृतिक, ये पाँच बंधस्थान तथा २ और १ प्रकृतिक, ये दो उदयस्थान हैं । इनमें से ५ प्रकृतिक बंधस्थान और २ प्रकृतिक उदयस्थान के रहते हुए २८, २४, २१, १३, १२ और ११ प्रकृतिक, ये छह सत्तास्थान होते हैं । ४ प्रकृतिक बंधस्थान और १ प्रकृतिक उदयस्थान के रहते २८, २४, २१, ११, ५ और ४ प्रकृतिक, ये छह सत्तास्थान हैं । ३ प्रकृतिक बंधस्थान और १ प्रकृतिक उदय स्थान के रहते २८, २४, २१, ४ और ३ प्रकृतिक, ये पांच सत्तास्थान हैं । २ प्रकृतिक बंधस्थान और १ प्रकृतिक उदयस्थान के रहते २८, २४, २१, ३ और २ प्रकृतिक, ये पांच सत्तास्थान होते हैं और १ प्रकृतिक बंधस्थान व १ प्रकृतिक उदयस्थान के रहते हुए २८, २४,
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