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अनुक्रमणिका
प्रस्तावना
कर्मग्रन्थों का महत्व कर्मग्रन्थों का परिचय आधार और वर्णन का क्रम नवीन कर्मग्रन्थों की विशेषता नवीन कर्मग्रन्थों की टीकाएँ सप्ततिका परिचय कर्म साहित्य में सप्ततिका का स्थान सप्ततिका की गाथा संख्या ग्रन्थकर्ता रचनाकाल सप्ततिका की टीकाएँ टीकाकार आचार्य मलयगिरि अन्य सप्ततिकायें
मूलग्रन्थ गाथा १
ग्रन्थ की प्रामाणिकता, वर्ण्य विषय का संकेत सिद्ध पद की व्याख्या सप्ततिका प्रकरण की रचना का आधार, महार्थ पद की सार्थकता बंध, उदय, सत्ता और प्रकृति स्थान का स्वरूप निर्देश
'श्रण' क्रियापद की सार्थकता गाथा २
शिष्य द्वारा जिज्ञासा का प्रस्तुतीकरण बंध, उदय और सत्ता प्रकृतियों के संवेध भंगों की प्रतिज्ञा
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