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षष्ठ कर्म ग्रन्थ
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नौ प्रकृतिक उदयस्थान में 'छक्क' - भंगों की कुल छह चौबीसी होती हैं । वे इस प्रकार हैं- बाईस प्रकृतिक बंधस्थान में जो नौ प्रकृतिक उदयस्थान है, उसकी तीन चौबीसी होती हैं । इक्कीस प्रकृतिक बंधस्थान के समय जो नौ प्रकृतिक उदयस्थान होता है, उसकी एक चौबीसी, मिश्र गुणस्थान में सत्रह प्रकृतिक बंधस्थान के समय जो नौ प्रकृतिक उदयस्थान होता है, उसके भंगों की एक चौबीसी और चौथे गुणस्थान में सत्रह प्रकृतिक बंध के समय जो नौ प्रकृतिक उदयस्थान होता है, उसके भंगों की एक चौबीसी । इस प्रकार नौ प्रकृतिक उदयस्थान के भंगों की कुल छह चौबीसी हुईं ।
आठ प्रकृतिक उदयस्थान में भंगों की ग्यारह चौबीसी होती हैं'इक्कारस' । वे इस प्रकार हैं- बाईस प्रकृतिक बंधस्थान के समय जो आठ प्रकृतिक उदयस्थान होते हैं, उसके भंगों की तीन चौबीसी, इक्कीस प्रकृतिक बंधस्थान में जो आठ प्रकृतिक उदयस्थान हैं उसके भंगों की दो चौबीसी, मिश्र गुणस्थान में सत्रह प्रकृतिक बंधस्थान के समय जो आठ प्रकृतिक उदयस्थान होता है, उसके भंगों की दो चौबोसी, चौथे गुणस्थान में जो सत्रह प्रकृतिक बंधस्थान हैं, उसमें आठ प्रकृतिक उदयस्थान के भंगों की कुल तीन चौबीसी और पांचवें गुणस्थान में तेरह प्रकृतिक बंधस्थान के समय आठ प्रकृतिक उदयस्थान में भंगों की एक चौबीसी । इस प्रकार आठ प्रकृतिक उदयस्थान में भंगों की कुल ग्यारह चौबीसी हुईं।
सात प्रकृतिक उदयस्थान में भंगों की कुल दस चौबीसी होती हैं । वे इस प्रकार हैं- बाईस प्रकृतिक बंधस्थान के समय जो सात प्रकृतिक उदयस्थान होता है उसकी एक चौबीसी । इक्कीस प्रकृतिक बंधस्थान के समय जो सात प्रकृतिक उदयस्थान होता है उसके भंगों की एक चौबीसी, मिश्र गुणस्थान में सत्रह प्रकृतिक बंधस्थान के समय होने वाले सात प्रकृतिक उदयस्थान के भंगों की एक चौबीसी, चौथे गुण
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