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सप्ततिका प्रकरण
.... मोहनीय कर्म के पन्द्रह सत्तास्थानों का गुणस्थान, काल सहित विवरण इस प्रकार है--
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सत्ता
गुणस्थान
जघन्यकाल
उत्कृष्टकाल
स्थान
२८ | १ से ११
पहला व
अन्तर्मुहूर्त पल्य का असं० भाग
साधिक १३२ सागर | पल्य का असंख्यातवां भाग
तीसरा
अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त
३ से ११
देशोन अपार्ध पुद्० परावर्त १३२ सागर अन्तर्मुहूर्त
साधिक ३३ सागर अन्तर्मुहूर्त
8वाँ
| दो समय कम दो आवली
अन्तर्मुहूर्त
दो समय कम दो आवली अन्तर्मुहूर्त
१ / नौवाँ व
दसवाँ
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