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विषय
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() वाक्केली (६) नालिका (१०) मृदव (११) उद्घात्यक (१२) अवलगित
(१३) अवस्पन्दित व्यायोग आदि अन्य रूपकों के सामान्य, नाटक-लक्षरण
२६६ २६७ २६८
२७३ २७५ २७७ २८१ २८३ २८५ २८७ २८८ २६० २९३ २६५ २६५
तृतीय विवेक वृत्ति-निरूपण भारती वृत्ति का निरूपण प्रामुख का लक्षण प्रामुख के अङ्गभूत पात्रप्रवेश के नियम प्ररोचना-निरूपण सात्त्वती वत्ति का निरूपण कैशिकी वृत्ति का निरूपण प्रारमटी वृत्ति का निरूपण रस-निरूपण रस का प्राश्रय अनुमितिवाद नट में अनुभावों की स्थिति अनुभाव आदि संज्ञानों का विषय रसभेदों का वर्णन (१) भेदों सहित शृङ्गार रस का निरूपण (२) शृङ्गार के विभाव तथा अनुभावों का वर्णन (३) हास्य-रस (४) हास्य के भेद
करुण रस
रौद्ररस (७) वीर रस (८) भयानक रस (९) बीभत्स रस (१०) अद्भुत रस
(११) शान्त रस काव्य में रस का समावेश करने में विशेष सावधानी विरुद्ध रसों का विरोध और उसका परिहार Jain Education International
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