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प्रकाशकीय हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी) हैं। ये संस्कृत भाषा एवं साहित्य के विद्वान् एवं उदीयमान लेखक हैं। उन्होंने यह कृति हमें प्रकाशनार्थ दी इसके लिए हम उनके प्रति हृदय से कृतज्ञताज्ञापन करते हैं। आशा है उनकी लेखनी से भविष्य में भी इसी प्रकार के अनेक ग्रन्थ अनुदित होकर प्रकाशित हो सकेंगे।
ग्रन्थ का सम्पादन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूतपूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष, सम्प्रति पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राकृत विभागाध्यक्ष एवं संस्कृत के बहुश्रुत विद्वान् प्रोफेसर सुरेशचन्द्र पाण्डे ने किया है। इस कुशल सम्पादन के लिए हम उनके बहुत ही आभारी हैं।
सम्पादन एवं प्रकाशन में सहायक रहे हैं- डॉ. अशोक कुमार सिंह एवं डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय (प्रवक्ता, पार्श्वनाथ विद्यापीठ), वे भी अवश्य ही धन्यवाद के पात्र हैं। ग्रन्थ का प्रूफ संशोधन डॉ. जयकृष्ण त्रिपाठी (शोध सहायक) ने किया है एतदर्थ हम उन्हें भी धन्यवाद देते हैं।
उत्कृष्ट कम्पोजिंग के लिए श्री अजय कुमार चौहान, सरिता कम्प्यूटर्स एवं सुरुचि पूर्ण मुद्रण के लिए वर्द्धमान मुद्रणालय, वाराणसी के भी हम आभारी हैं।
भूपेन्द्रनाथ जैन
मानद सचिव पार्श्वनाथ विद्यापीठ
वाराणसी
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