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परमात्मप्रकाशकी विषयानुक्रमणिका
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विषय पृ. सं. दो. सं.
विषय
पृ. सं. दो. सं. मंगलाचरण .... .... ... ५ १ | भेदविज्ञानकी मुख्यतासे आत्माका १. त्रिविधात्माधिकार
कथन .... .... .... ८७ ९३ श्रीयोगीन्दुगुरुसे भट्ट प्रभाकरका
२. मोक्षाधिकार प्रश्न .... .... ...
मोक्षके बारेमें प्रश्न .... .... श्रीगुरुका तीन प्रकार आत्माके
मोक्षके विषयमें उत्तर.... ... कथनका उपदेशरूप उत्तर
मोक्षका फल .... .... बहिरात्माका लक्षण ... ....
मोक्षमार्गका व्याख्यान .... १२५ १२ अंतरात्माका स्वरूप.... ....
अभेदरत्नत्रयका व्याख्यान .....| परमात्माका लक्षण .... ....
परम उपशमभावकी मुख्यता....
१७४ ५३ परमात्माका स्वरूप .... ....
निश्चयसे पुण्यपापका एकपना । शक्तिरूपसे सब जीवोंके शरीरमें
शुद्धोपयोगकी मुख्यता .... १८८ ६७ परमात्मा विराजमान है ....
| परद्रव्यके संबंधका त्याग .... २२६ १०८ जीव और अजीवमें लक्षण
त्यागका दृष्टांत .... .... २२८ ११० भेदसे भेद .... ....
मोहका त्याग
२२९ १११ शुद्धात्माका मुख्य लक्षण ....
इंद्रियोंमें लंपटी जीवोंका विनाश २३२ ११२ शुद्धात्माके ध्यानसे संसार
लोभकषायमें दोष .... २३३ ११३ भ्रमणका रुकना.... ....
स्नेहका त्याग .... .... २३३ ११४ जीवके परिमाणपर मत मतान्तर
जीवहिंसाका दोष .... .... २४१ १२५ विचार ...
जीवरक्षासे लाभ .... २४३ १२७ .... .... द्रव्य, गुण, पर्यायकी मुख्यतासे
अध्रुवभावना .... २४५ १२९
जीवको शिक्षा .... .... २४९ १३३ आत्माका कथन.... ....
पंचेंद्रियको जीतना .... .... २५२ १३६ द्रव्य, गुण, पर्यायका स्वरूप.... जीव कर्मके संबंधका विचार....
इंद्रियसुखका अनित्यपना .... २५४ १३८ आत्माका परवस्तुसे भिन्नपनेका
मनको जीतनेसे इंद्रियोंका जीतना २५६ १४० कथन .... .... ....
सम्यक्त्वकी दुर्लभता .... २५८ १४३ निश्चयसम्यग्दृष्टिका स्वरूप ...
गृहवास व ममत्वमें दोष ... २६० १४४ मिथ्यादृष्टिके लक्षण.... ....
देहसे ममत्व त्याग .... .... २६० १४५ सम्यग्दृष्टिकी भावना... .... ८५ / देहकी मलिनताका कथन .... २६३ १४८
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