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२. ४-]
विलासवईकहा कामो वि हु किह रक्खियइ जहिं उप्पज्जइ असुह-मइ । अहिओ च्चिय वड्ढइ सेवियउ ता विवेय-सन्नाहु लइ ॥३॥ अन्नु वि पडिवन्नउ तुज्झु पुत्तु ता कीस करावहि मई अजुत्तु । पक्खिवहि कीस घोरंधयारि भीसण-नरयम्मि अणोरपारि । धग-धग-धगेंत-हुयवह-करालि बहु दुक्ख-सहस्स-निरंतरालि ।
ता एहु अहिलासु. परिच्चएहि मं तुच्छ-महिल-चेट्ठिउ करेहि । ५ अन्नु वि तुहुं अम्हहं सामिसालि तं एरिसु वुच्चइ चित्त बालि ।
जो एरिसु गुरु-पावेहि पयत्तु अणुयत्तइ सामिउ अहव मित्तु । सो घोर-नरय-संपत्थियस्स सर-पंजलु साहइ मग्गु तस्स । एत्थंतरि लज्जिय-वयणियाए जंपिउ अणंगवइ-राणियाए ।
तई साहु साहु उल्लविउ एउ उचियउ कुमार तुम्हहं विवेउ । १० तुहु रूवुवि सीलु वि अत्थि दो वि तई सरिसु न दीसइ पुरिसु को वि ।
रूवं च सीलं च विरुद्धयाई किर दोण्ण वि लोए पसिद्धयाई । इय लोय-वयण-विन्नासणत्थु एरिसु अणुचिट्ठिउ मई समत्थु । न य पुणु कुमार सब्भावु एहु ता संपइ वच्चहु नियय-गेहु ।
तो तहे पणमेवि सणकुमारु निय-भवणि पहुत्तउ सपरिवारु । १५ तो तहिं पावेविणु निय-भवणि दिवस-कज्जु सयल वि कियउ ।
वसुभूइ-पमुह-मित्तेहिं सहूं का वि वेल लीलहिं ठियउ ॥४॥
एत्थंतरि नरवइ परम-भिच्चु अइ-वल्लहु तह सन्निहिउ निच्चु । नयरह आरक्खिउ गुण-निवासु विणयंधरु पत्तउ कुमर-पासु । जोक्कारु करेविणु कहइ एहु हउं भणउं किंपि एक्कंतु देहु ।
अस्थाणु पलोइउ तो असेसु वसुभूइ-पमुह गय दूरदेसु । [३] १७. ला० सेवियओ .. [४] १. पु० तुज्झ २. पु. प.क्ख वसि, ला. घोरंधयारे ३. ला० राले ४. ला० परिच्च
येहि ५. ला० ति एरिसु ९. ला० उचिओ ११. पु० दोणि १४. ला० तहि १५.
ला० नियय १६. ला० लीलइ . [५] १. पु० एत्यंतरे, ला० तहे
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