________________
१. १३-]
विलासवईकहा ता भो कुमार छड्डहि विसाउ अहमेव करमि किंचि वि उवाउ ।
पडिवन्नु कुमारे हरिसिएण वसुभूइ विसज्जिउ तत्थ तेण । ५ एत्तहे विलासवइ-धावि-धृय नामें अणंगसुंदरि मुख्य ।
तीए सह संगाल कियउ तेण सा लग्ग तासु परिसह गुणेण । एवं चिय वोलिय दिवस के वि सो चिंतइ आस परिच्चएवि । महु कज्जु न अज्ज वि किंचि तेण साहिउ वसुभूइ-वयंसएण ।
अहवा नवि पसरिय बुद्धि तासु ते कज्जे एइ न मज्झ पासु । १० इय सो एवं चिय चितयंतु गउ सेज्जहिं कज्जु परिच्चयंतु ।
तहिं नावइ मत्तउ परआयत्तउ नाइ मृटु नं मुच्छियउ । नावइ गह-गहियउ अहवइ भीयउ वेवमाण-तणु अच्छियउ ॥१२॥ जा थेव-वेल ता तुट-चित्तु वियसिय-मुहु सो वसुभूइ पत्तु । सो पेच्छवि तो लक्खिउ इमेण अइवियसिय-वयण-वियारएण । जिह दोसइ एह विम्हय-सहाउ साहेविणु कज्जु अवस्स आउ ।
तें जंपिउं छड्डहि मित्त सोउ अंगोकरेहि गरुयउ पमोउ । ५ उज्झेहि सेज्ज पोरिसु करेहि निमुणेहि वत्त साहसु घरेहि । संपन्नउं तुज्झ समीहियं ति सो भणइ मित्त अक्खहि कहं ति । तें कहिउ अज्जु हउं गयउ आसि मंदिरि अणंगसुंदरिहि पासि । सा दिठ्ठिय मई पव्याय-वयणि ईसीसि-अंसु-पगलंत-नयणि ।
मई पुच्छिय मुंदरि कहहि मज्झु निव्वेयह कारणु कवणु तुज्झु । १० अह भणिउ तीए कि अक्खिएण दुक्खेण तस्स सहरिस-मणेण ।
निम्मल-दप्पणे पडिबिबु जेंव संकमइ जस्स न वि दुक्खु तेंव । मई वुत्तउं सुंदरि सव्वु एउ विरल च्चिय जाणहि गुणहं भेउ । विरल च्चिय विरयहिं ललिय कन्य विरल च्चिय जण सामण्ण-दव्य ।
विरल च्चिय परकज्जई कुणंति परदुक्खें दुक्खिय विरल हुंति । १५ तह वि हु मयलोयणि दुज्झ पोणि संपाडेवइ अस्थि मणु ।
ता कहि अवियप्पिउ तीए वि जंपिउ जइ एरिसु ता कहमि सुणु ॥१॥ [१२] ८. पु० कज्ज १०. ला• कज्ज [१३] ९. पु० मज्झ तुज्झ, १२, ला० विरला जाणति गुणाहं हेण, १३ पु० सामन्तं दंव्व
१४. पु० परदुर्विष १५. ला. तुझु१६. ला० तीय
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org