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तो भइ कुमरु भो खयर - राय १० ता भुंजहि जाए वि नियय-रज्जु
साहारणकविरया
ता संपइ उहि सेन्तु अहिहि सुहडेहिं भिडंतेहिं रणे पविसंतेहि
[२४]
जंपs अगरs अत्थि एउ मई इह समरंगणे निज्जिएण ता जीवियन्बु एह सफल होइ परिहव परिमलिय-पयावयस्स ५ इय जंपेवि चल्लिउ साहिमाणु
जय सहु कुमारह ताव घुठु गंभीरु वज्जिउ विजय-तूरु एत वि अगरई-भडाण सव्वहं वि अभय कुमरेण दिन्नु १० भड पाडेवि जे रणि गहिय के वि
वसुभूइ-मुह-परिवार सारु अजियबल - विज्ज-सज्जिउ विसिद्ध उद्दंड- सुपंडर-पुंडरीउ चलिय-चामीयर - चमर-दंड ५ विज्जाहर - ललिय- विलासिणीहिं तूराव - बहिरिय - गयण मग्गु परंतु गयण मंडल विसालि
[ ८. २५
तुहुं अज्जपभिइ महुं जे भाय । निय - भारियाए पर मज्झ कज्जु ।
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सुपुरिस सोउ निवारियर | जिप्पड़ अह वा हारियड़ ||२३||
वण-कम्मकराविय भड संथाविय
मयहं अग्गि- सकारु किउ | विज्जाहर तोसिवि पुणु आसासिवि तिण्णि दिवस तत्थेव ठिउ ||२४|| [२५]
arrag तह वि संसार-छेउ । किं किज्जइ अज्ज वि जीविएण । जाव य न मलिज्जइ माणु लोइ । मय- सरिसु होइ जीविउ नरस्स । न पडिच्छिउ रज्जु वि दिज्जमाणु । पुणु कुसुम-वरि सुरवरेहि बुट्छु । मिलियउ विज्जाहर - सुहड- पूरु । देसामि य अभउ भणतयाण । तो सामिसाल सो च्चिय पवन्नु । कुमरह वयणेण विमुक् ते वि ।
आरुrिs विमाणि सणकुमारु । कंचण-मणि- सीहासणि निविट्ठ | उद्दाम सद- बंदिण - सुगीउ । विसिय असेस - भड-कमल-संडु गाइज्जमाणु कल - भासिणीहिं । अकलिय-विज्जाहर-बल- समग्गु । चल्लिउ रहनेउरचक्कवालि ।
[२३] १० पु० जाइवि निवय रज्जु [२४] ३. पु० मल्लिज्जइ माणु लोए ४. ला
ला० पयन्तु १० ला० रणे १२. ला० तोसवि तिन्नि दिवसं [२५] १. पु० - परिवारु... विमाणे ३. ला०- पंडुरीउ ६. ला० अवकल्यि
परिमिलिय ५ ला० जंपिवि.... साहिनाणु ९.
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