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वच्छे न य किज्जइ एत्थ सोउ लक्खिवि खण-भंगुर - संगमाई सुमरेवि विसय विरसावसाण अइ-दुलहु लहिविणु मणुय- जम्मु ५ मई भणियउं भयवं एवमेउ ता मज्झ अणुग्गहु पहु करेहि तिं भणिउ पुत्ति तुह एउ जुत्तु जेण य दारिदिय - दूहवाहं अवमाण - कलंकिं दूसियाहं १० दुक्खह उत्तारु न अन्नु कोइ
विलासवई कहा
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अह पुणु अक्खहि एउ महुं अचलिय- सम्म - विहाण - अणुट्ठिय । कवणें कारणें पुत्ति तुहु नहयल-गामिणि विज्ज पणट्ठिय ॥७॥
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अबु जाणेविणु जीव-लोउ । आलोच्चिवि चंचल इंदियाई । trafar फल असमंजसाण । धन्ना करिति पव्वज्ज-धम्मु । वय - गहण होइ पर दुक्खच्छेउ । एस च्चिय तावस - दिक्ख देहि | गि-वासि दुक्खु महिलहं बहुत्तु । विवहं परिवज्जिय- बंधवाहं । महिलहं पर कम्मु करंतियाहं । पव्वज्ज एक्क पर सरणु होइ ।
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महं भणिउ न याणमि झत्ति का वि नाणेण निरूविउ भयवया वि । वच्छे गुरु-सोय-अभिहुयाए एउ सिद्ध-कूड लंघिउ तुमाए । सिहरम्मि पडिउ तुह कुसुम-दामु तिं विज्ज न पहवइ गइय-थामु भवं विज्जाहिं वि अलमिमाहि इह- लोय-मे-फल- साहयाहिं । ५ ता देहि दिक्ख करि महु पसाउ उप्पन्नउ वर पव्वज्ज-भाउ । आऊच्छिवि तो मह ताउ तेण आणिय तवस्स पभावएण । इह सेय-दीव - उकंठयम्मि दिक्खिय कुमार सोहण - दिणम्मि | आयारु असेसु वि तेण सिद्ध जो तास धम्मि किलोवइ । तो मज्झ करंतिहिं तव विसालु वोलिउ कुमार इह को वि कालु । १० अन्नहिं दिणि कुस - समिहा - निमित्तु गय जलहि-तीरे काणणु विचित्तु । लहेविणु... करेंति ६. ला० मज्झु ७. पु० दूहवाहुं ९ पु० -कलंकेहि... महिलह, ला० करेंतियाहं १०. ला० दुक्खहं ११. पु० अवलिय- १२. ला० पुत्तु, पु० पुत
[७] २. ला० लक्खेवि ... आलोच्चेषि ४. ला० ते... तुहु, ला पुत्त... ८. ला०
[4] १. ला० याणउ भत्ति का वि ३. पु० ते ५. पु० महुं ६. ला० आऊच्छेवि... आणीय ७. ला० -उक्कंठयम्मि ८. ला० आयरु.... धम्मे
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