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साहारणकइविरइया
[२.१९इय अद्ध-पवुत्तइ सिरिहरेण छिक्किउ छड त्ति दूरट्ठिएण । ... तह राय-मग्गि वच्चंतएहिं निय-कज्जु पयंपिउ बंभणेहिं । ५ किं बहुणा यहु जइ दोस-यारि ता दिव्यु लेहं राउल-दुवारि । तं निमुणिवि विणेयंधरु सतोसु जंपइ कुमार तुह नत्थि दोसु । दुरयार-सह तुम्हहं इमेहि न सहिउ छिक्काए निमित्तएहिं । उप्पाइय-बहुविह-पच्चएण सिद्धाएसेण वि कहिउ तेण ।
निदोस-वत्थु-विसोववन्नु राएण विरुद्धाएमु दिन्नु । १० ता किं इमेण बहु पलविएण साहेहि जहट्ठिउ सव्वु जेण ।
जाएवि नरिंदह विन्नवेमि तीए च्चिय दुम्मइ-फलु विहेमि । सो जंपइ काई कहेमि तत्थ अंबाए कयत्थण होइ जत्थ । ते भणिउ कुमार न दोसु तुझु स चिय दुट्ट अणंगवइ । अइ-दुट्टहं पोढ-महेलियहं साहसु कवणु न संभवइ ॥१८॥
[१९] एउ जाणिउ मई सामन्नएण किं पुण न मुणेमि विसेसरण । अहवा किं नाएं इय करेमि जाएवि नरिंदह विन्नवेमि । सो चेव लहेसइ एत्थु अंतु विणयंधरु उहिउ इय भणंतु । कुमरेण धरिउ दाहिण-भुयम्मि बइसारिउ सन्निहियासणम्मि । भणिउ य विणयंधर अलमिमेण अंबाए उवरि गुरु-अग्गहेण । जीविउ जाणेवि कयंत-सेसु किह कीरइ गुरुयण-संकिलेसु । इय निसुणेवि विणयंधरेण वुत्तु तुहुँ सिरि-जसवम्मह तणउ पुत्तु । ता कि उप्पज्जइ तुज्झ दोसु एएण वि कारणि मज्झ रोम् ।
तहे पावहे उप्परि कुमर जाउ ता हत्थह मेल्लहि करि पसाउ । १० जाएमि नरिंदह कहमि जेण पुणु भणइ कुमरु भो अलमिमेण ।
सो भणइ कुमार नराहिवह विनवियवउं अवस्स मई ।
कुमरो वि भणइ जइ एउ करहि तो अप्पाणु वहेमि सई ॥१९॥ [१८] ३. पु० सिरहरेण ५. पु० जइ एहु ६. ला० निसुणवि १२. पु० कयत्थणा
१३. ला० ते भणिय...दोस [१९] १. पु० मइसामन्नएण ३. पु. लहिस्सइ एत्थ, ला० जंतु १. पु० सन्निहिवासणम्मि
५. पु० भणियउ ता कुमरेण अलमिमेण ....गरुयग्गहेण ६. पु० कयंतु ७. ला० निसुणवि....जयधम्मह ८. पु० कारणे. ९ ला० तह पावहि १२. पु० करेहि
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