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टिप्पणियां
१.२७. उम्बरो-मराठी में उंम्बर । १.२७१ अडो-मराठी में आड । देउलं-मराठी में देऊल ।
पहले पाद के समाप्ति-सूचक वाक्य के अनन्तर कुछ पाण्डुलिपिथों में अगला श्लोक दिखाइ देता हैं :
यद् दोमंडल-कुण्डलीकृत-धनुर्दण्डेन सिद्धाधिप क्रीतं वैरिकुलात् त्वया किल दलत्-कुन्दावदातं यथः । भ्रान्त्वा त्रीणि जगन्ति खेद विवशं तन्मालवीनां व्यधादापाण्डो स्तनमण्डले च धवले गण्डस्थले च स्थितम् ।
(पहला पाद समाप्त )
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