SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 227
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २०८ चतुर्थः पादः शदी झड - पक्खोडौ ॥ १३० ॥ शीयतेरेतावादेशौ भवतः । झडइ । पक्खोडइ । शीयते ( / शद् ) धातु को ( झड और पक्खोड ऐसे ) ये आदेश होते हैं । उदा० -- झडइ, पक्खोडइ । आक्रन्देर्णीहरः ।। १३१ ॥ आक्रन्देर्णीहर इत्यादेशो वा भवति । णीहरइ । अक्कन्दइ । आक्रन्दु ( आक्रन्दि ) धातु को णीहर ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा०गोहरइ । ( विकल्प - पक्ष में ) : - अक्कन्दइ । खिदेर्जूरविसूरौ ।। १३२ ।। खिदेरेतावादेशौ वा भवतः । जूरइ । विसरइ । खिज्जइ । खिद् (खिदि) धातु को जूर और विसूर ऐसे ये आदेश विकल्प से होते हैं । उदा० - जूरइ, विसूरह । ( विकल्प - पक्ष में ) :- खिज्जइ । रुधेरुत्थंघः ।। १३३ ॥ う रुधेरुत्थंघ इत्यादेशो वा भवति । उत्थन्धइ । रुन्धइ । धू ( रुधि ) धातु को उत्थंघ ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा० -- उत्थं - घइ | ( विकल्प - पक्ष में : -- रुन्धइ | निषेधे+कः ॥ १३४ ॥ निषेधतेषक इत्यादेशो वा भवति । हक्कइ । निसेहइ । निषेधति ( Vf + स ) धातु को हक्क ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा० -- हक्कइ | ( विकल्प - पक्ष में ) :- निसेहइ | क्रुधेर्जूरः ॥ १३५ ॥ क्र ुधेर्जूर इत्यादेशो ( वा ) भवति । जूरइ । कुज्झइ । क्रुध् धातु को जूर ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा० - जूरइ । ( विकल्पपक्ष में ) :- कुज्झइ । Jain Education International जनो जा - जम्मौ ॥ १३६ ॥ जायतेजजम्म इत्यादेशौ भवतः । जाअइ । जम्मइ । जायते ( /जन् ) धातु को जा और जम्म ऐसे आदेश होते हैं । उदा० जाअइ । जम्मइ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001871
Book TitlePrakrit Vyakarana
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorK V Apte
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1996
Total Pages462
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, P000, & P050
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy