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चतुर्थः पादः
शदी झड - पक्खोडौ ॥ १३० ॥
शीयतेरेतावादेशौ भवतः । झडइ । पक्खोडइ ।
शीयते ( / शद् ) धातु को ( झड और पक्खोड ऐसे ) ये आदेश होते हैं । उदा० -- झडइ, पक्खोडइ ।
आक्रन्देर्णीहरः ।। १३१ ॥
आक्रन्देर्णीहर इत्यादेशो वा भवति । णीहरइ । अक्कन्दइ ।
आक्रन्दु ( आक्रन्दि ) धातु को णीहर ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा०गोहरइ । ( विकल्प - पक्ष में ) : - अक्कन्दइ ।
खिदेर्जूरविसूरौ ।। १३२ ।।
खिदेरेतावादेशौ वा भवतः । जूरइ । विसरइ । खिज्जइ ।
खिद् (खिदि) धातु को जूर और विसूर ऐसे ये आदेश विकल्प से होते हैं । उदा० - जूरइ, विसूरह । ( विकल्प - पक्ष में ) :- खिज्जइ ।
रुधेरुत्थंघः ।। १३३ ॥
う
रुधेरुत्थंघ इत्यादेशो वा भवति । उत्थन्धइ । रुन्धइ ।
धू ( रुधि ) धातु को उत्थंघ ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा० -- उत्थं - घइ | ( विकल्प - पक्ष में : -- रुन्धइ |
निषेधे+कः ॥ १३४ ॥
निषेधतेषक इत्यादेशो वा भवति । हक्कइ । निसेहइ ।
निषेधति ( Vf + स ) धातु को हक्क ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा० -- हक्कइ | ( विकल्प - पक्ष में ) :- निसेहइ |
क्रुधेर्जूरः ॥ १३५ ॥
क्र ुधेर्जूर इत्यादेशो ( वा ) भवति । जूरइ । कुज्झइ ।
क्रुध् धातु को जूर ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा० - जूरइ । ( विकल्पपक्ष में ) :- कुज्झइ ।
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जनो जा - जम्मौ ॥ १३६ ॥
जायतेजजम्म इत्यादेशौ भवतः । जाअइ । जम्मइ ।
जायते ( /जन् ) धातु को जा और जम्म ऐसे आदेश होते हैं । उदा०
जाअइ । जम्मइ ।
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