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________________ 9. 9. 6.] पहु वि बहुएं पावें दंडिउ सव्वत्थहो कि काई बलदे किं कवालु संतो से तित्तहो असतित्थई किं हिंडिउ । सदयहो कि सुलेण रउदें । अट्ठयभूस काई पवित्तहो । किं सारूढहो । लिंग णिच्चमेव मयमोहें मूढहो ईसरवाउ य वादगहिल्लय किं पलवहि जडसत्तपिसलय । धत्ता - माणमोहलोहंतरिय पुत्तकलत्तवित्तरसलालस । पहरणकर परजीवहर फुडु ण कहति धम्मु कामालस ॥ ७ ॥ 8 मिगमारउ अहिंस किं घोसइ अलियभासि णरु अलियेहं सुहकरु परयारिउ परंयारई विहियइं लुद्धउ गाइभूमिधणदाणई वसुकारणे कुकम्म कोरावइ कव्वई करइ सव्वणीसारखं रणभोयणु पुण्णु पयंपर Authority of the Vedas questioned. जो मासे पाणउ पोसइ । थेउ थेणतणे बद्धायरु । दावइ सुरहं पुराण लिहियई । धण्णई देवंगई परिहाणई । अपणु मरइ परु विमारावइ । महुपाई पलकवलाहारई । जहालपड मणुं ण विथप्पड़ । धत्ता - वेउ पमाणु ण होइ जए विणु जीवेण सह कहि लब्भइ | विणु सरेण कहिं णवकमलु विणु घेणुयए गयणु किं दुब्भइ ॥ ८ ॥ 9 नायकुमारचरि बज्झइ रुज्झइ पुणु ताडिजइ गाइबलहु णिग्गहु किजइ गोकुबु किं देउ भणिजइ Reference to some orthodox beliefs and superstitions. विज्झइ कु धरिव पाडिज्जइ । वच्छु पियतु खीरु कडिज्जइ । 'हो हो पूरइ कि पलविजइ । दुकियफलु भुंजंति महाभड | भ काई धरियर कैहायणु । सजणगणु विचितिउ । पसुपावेण होंति पाउब्भड भक्खिवि मिगजंगलु दूसिवि जिणु यामणिहिं मज्जु पई संधिउ नागकुमार....१३. Jain Education International २ E किं खाइ. 8. १ C आलयहो. २ B परियारई; C परयारिय. ३ C पुराणहं. ४ D कुकम्मु ५ ABC करावइ E omits the following three feet. ७ C मणे. ८ E किहि. 9. १ E omits this foot २ CE जणु. ३ C भ. ४ E उण्हायणु. ५ D सेविउ . ७ 10 For Private & Personal Use Only 5 5 www.jainelibrary.org
SR No.001870
Book TitleNayakumarchariu
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorHiralal Jain
PublisherBalatkaragana Jain Publication Society
Publication Year1989
Total Pages280
LanguagePrakrit, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Grammar
File Size18 MB
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