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1 मद्दव्यय-रयणं कई पुण सुरविखर्य साहुणो हव' ति अणुवीह य भरवण एसियेति साहम्मिडमा हो चेय 3 देविंदराव सामंत-ग्गहो वह कुटुंबिय जणस्स अणुवीह निवारे मग्गज जस्प जो सामी ॥ क्सिको मार्टि होन दिनो कया विकेमावि मग्गिए य मिले अवगो तेण कलेण ॥ इद सुगंध इद तपाई एवग्मि होज मे उबही अविव मा होहि अवमाहो एत्तिको अहं ॥ पासयोसण्ण- कुसील- संजया हो सख्या वा वि सं जाऊ तुइ साम्मियो पुसो ॥ ऊसस - णीसस - रहियं गुरुणो सेसं वसे हवइ दव्वं । तेणाणुण्णा भुंजइ अण्णह दोस्रो भवे तस्स ॥ एयाओं भावणाओ कुणमाणो तत्तियं वयं धरइ । एत्तो वोच्छामि भहं मेहुण-विरह त्ति णामेण ॥
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६ ३४४ ) काम- महागह महिलो अंधो बहिरो व्य अच्छ सूओ उम्मत्तो वि होइ वनिखत-चित्तो य ॥ भिम-कच्छ-सिरो अभिन्युमो अनि यतो गलियंस व मत्तो होइ मधो गयवरो ॥ अलिये पि सइ लोए सविवारं अपने पलोह उम्गाइ हरिसिय-मणो खणेण दीणत्तणं जाइ ॥ विसिज को एसो सोनंदिन जगणं कजाक ण-यह मोहेण व उत्नुणो भन्ह ॥ परदारगमन- दोसे बंधण-वह चलिंग-छेदं च सब्बस्स-हरणमादी बहुए दोसे व पावे ॥ मरिण व पर-सोए बच्च संसार सागरे घोरे तन्हा परिहर दूरं इत्थीर्ण संगम साहू |
सुहस्स हेक से तं धम्म फर्क होइ ॥
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अह कोइ भइ मूढो धम्मो सुरएण होइ लोगम्मि । इत्थीणं सुह-हेऊ पुरिसाण य जेण तं भणियं ॥ आहार पिन जुन रिसिणो दाई चण्डिर्ड चे एयं पिमा गणेजसु दुक्खं तं दुक्ख कारणं पढमं । तं काऊण अउण्णा उवेंति कुगई गई जीवा ॥ दुक्खं च इमं जाणसु वाहि-पडीयार कारणं जेण । पामा-कंडुयणं पिव परिहर दूरेण कुरयं तं ॥ असुहं पिसुहं मण्णइ सुहं पि असुहं ति मोहिओ जीवो । दुक्ख-सुह- णिन्विसेसो दुक्खं चिय पावए वस्सं ॥ पामा - कच्छु- परिगभ जह पुरिसो कंडुय-रह- संतत्तो । णह कटु सक्कराहिं कंडुयणं कुणइ सुह-बुद्धी ॥ वह मोह-कम्म-पामा विपनाए कुलचुर्खेत-सगे सुर-मुहास- मनो असुदं पि हु मण्णइ सुई ति ॥ एवं च भगवा विवाद- रिंद बंद सुंदरी बंदिय-चलणारविंदेण साहिए समाणे भगवया पुच्छियं गोयम-गणहारिणा 'भगर्व इसे पुण मेण वेरमण-मध्यय-महारयणं कहं पुण सुरक्खियं होइ' सि अनियं च भगवया । सहि-कहा- महिदय-पुण्यणुसरणं पणीय-रस-भुती युवाओं परिहरेतो रक्खइ मिटुणवयं पुरसो ॥ इपि-पंड निषाएँ वसही अच्छा णीसंगो सज्झाय-ज्ञाण-जिरओ इव बंधे भावणा पदमा ॥ इय देवानो तालो जायरियाओ चलंत जयणानो किडिकिंचिय-सुरवाई इमीगंज साहू थण-जहण-मणहराओ पेच्छामि इमाओं चारु जुवईओ । इय बंभचेर विरओ मा मा आलोयणं कुणसु ॥ इय हसिये इव रमियं तीय धर्म मा हु संभरेनासु धम्मशाणोवगओ इवेज मिर्च मुणी समए ॥ मा भुंजेज पणीयं घय- गुड-संजोग जोइयं बहुयं । जइ इच्छसि पालेडं बंभव्वयमुत्तमं धीर ॥
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एवानों भावणाम भावैतो भ्रम भाव-पम्बो संप वोच्छामि भई परिमाडे होंति जे दोसा ॥
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कुवलयमाला
भगवया भणियं ।
अणुणाव-भत-पाणो भुजण तामो समिईओ ॥
९ ३४५) कुणइ परिग्गह-सारं जो पुरिसो होइ सो जए लोभी । अग्गि व्व इंधणेणं दुप्पूरो सायरो चेव ॥ लोभाभिभूय-चित्तो कमाकमाई व चिंते । अर्जेक्स्स व दुखं दुक्खं चिव रक्खमाणस्स ॥
दो सि एस होए दिन परिभवं च पावेद सु होइ दुखे तदा वोसिरसु परिगहनं ॥
1) P सुक्खियं, 2 ) अणुत्री अभक्खणं P अभिक्खाण, P भत्तपाणे भुंजणाए, समितीओ P समिता. 3) सामं for सामंत, Jom. वग्गहो. 4 ) विक्खित्त, P मालेहिं for माणेहिं. 5 ) P मताई for मंतयाई, होहिति P होहित्ति. 6 ) संजता,
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12) P
P अट्टया for सड्ढया, P ते for तं. 7 ) P तेणाणुसोयं for तेणानुण्णा, P हवइ for भवे. 8 ) तत्तियं वतं P तश्ययं वयं. होई होति. 10 ) विम्म, Pकडक्ख, P अणिच्छओ, J अणिहिओ 11 ) P लोएइ for सवियारं अप्पयं पलोर. निंदओ. 13 ) P छेयं, हरणमाती, P सो for दोसे, पावेति. 14 ) P पलोए वच्च संसायरे, P परिहरइ. 15) P सुरते कहं न for सुरएण होइ, ग्लोअंमि. 16 ) Padds, after जुज्जइ, पुरिसा एएणं जो देइ ॥ अवरे विहियंति, हेउं तं. 17 ) P कुगई गई. 18 P वाहीपडियार, पि, सुई for अहं 20 पारिओ कंजरति केंद्रयणं. विअणाय चुलुलुलेंत. 22 ) गोतम, P गणहारिणो. 24 ) P रसभोई, एताए for एयाओ. 25 ) 26) Padds य after ताओ, P किलकिंची सुरयादी. P धम्मज्झाणावगओ. 29 ) संजोअ, P इच्छह, P वीर for धीर. before संपद. 31 से for सो, चेय. 32 ) JP भूतचित्तो, J अजंतस्स. 33 ) P परिहवं.
मारिओ अहं पुन्वं । तेण मए मारिज्जर तरसेय पतीआर 19 ) P च for पि सुहं, Pom. 21) ि
23 ) मेहुणं वेरमण, P वेरमणं महव्वयं, P पुण रक्खियं भवइति । इत्थीपसुपंडिय, वसईए अच्छ णीसंको, P निरसंगो, P एगंते for इय बंमे. 27 ) P थणहरनमणथराओ, J आलोवणं. 28 ) P ओ for हु, 30 ) एताओ, P भातो for भावेंतो, P adds संपश्ओ
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