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उज्जोयणसूरिविरश्या
1 आटा व जय-कुंजरं दुवे वि वाया केरिसा य दीसिउं पयता जगणं । अवि य ।
कुवलयचंदो रेहह कुवलयमालाय कुंजरारूढो । इंदो इंदाणीय व समयं एरावणारूढो ||
६२८०) एवं च णी िपयता अहिदिनमाना य जण-समूहेन वियपिता णायरिया हो रण । अनि यम, कोय-रस-भरित-हिवय-पूरंत गेह-हुमाणो अह जंपर पीस णायर कुलवालिया सत्थो । एक्का जंपर महिला भणह हला को व्व एत्थ अभिरुवो । किं कुवलयमाल च्चिय अहवा एसो सहि कुमारो ॥ 6 तो अण्णाए भणियं ।
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एयरस सहइ सीसे करणो अह कोंतलाण पब्भारो । कज्जल-तमाल-पीलो इमाऍ अह सहइ धम्मेल्लो ॥ संपुण्ण बंद-मंडल-लायण सोहर इमीए |
एयस्स सइइ वय सरयु अह त्रियसिये व सववत्तं एयस्स गयण-जय कुवलयदल सरिसवं सहद्द मुद्दे रेहद्द इमस्स पिवसद्दिवच्छ पीवरं पिहुलं
तक्खण- विषसिय- सिय-कमल-कंनि-सरिसं इमीऍ पुणो ॥ उग्भिनमाण बणहर विरावियं रेहद इमीर ॥
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सोदइ मईद-रुदं नियंव-विवे इमस्स पेजालं । रह-रहसाब भरिये इमीए महि पिराएजा ॥ ऊरू-जुयलं पि सुंदरि इमस्स सरिसं करेण गयवइणो । रंभा थंभेण समं इमाऍ अहियं विराएज ॥ ति । अण्णाए भणिये 'हलाला, एत्थ दुवे वि तर अण्णोष्ण-रूवा साहिया, न एत्थ एकरस विविसेसो साहिमो' । सीए भणिये 'हुला जइ एत्थ विसेसो अरिथ तो जामे दंसीयद, जो उण णत्धि सो कत्तो दंसीवह' चि । अण्णाए भणिये 10 'किं विसेसो णत्थि नरिथ से विसेसो अविव ।
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प्याऍ नियंयय रेहह महिला असमार्ण ॥
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वच्छ वियद हमस्स असम जयम्मि पुरिसेहि अण्णाए भणियं 'अलं किमण्णेण एत्थ पुरिसंतरेण महिलंतरेण वा । इमाणं चेय अवरोप्परं किं सुंदरयरं ' ति । तीए भणियं 'अवि इमाणं पि अंतरं वाहिं भणियं किं अंतरं' अवि च । 'पुरियाण एस सारो एसा उण होइ इरियाणं साहिं भणिये कि इमिणा इत्य-पुरिसंतरेणं, अण्णं भण' एस कुमारो रेहइ एसा उण सहइ रेहद्द कुमारी । तमो वाहिं भणिवं 'अहो एकाए वि जायरियाए लक्खिओ' । तीय भणियं णिसुणेसु, अवि य ।
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'मरगय-मणि- णिम्भविया इमस्स अह सहद्द कंठिया कंठे एयाए उण सोहर एसा मुतावली कंठे ॥' तमो ताहिं इसमाणीहिं भणियं 'अहो, महंतो विसेसो उबलक्खिओ, जं रायउत्तस्स अवदाय वण्णस्स मरगय-रयणावली सोहर, एमाए पुण सामाए मुतावलिति । अण्णं पुच्छियाए अण्णी सादियं ति भण्नाए भणियं ।
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धणयाण दोह को वा रेहइ अच्छीण भणसु को कइया । इय एयाण वि अइसंगयाण को वा ण सोहेजा ॥ ताहिं भणियं 'ण एत्थ कोइ विसेसो उवलब्भइ, ता भणह को एत्थ धण्णाणं घण्णयरो' । तओ एक्काए भणियं । 'धण्णो एत्थ कुमारो जस्स इमा हियय-वल्लभा जाया । धण-परियण-संपण्णो विनओ राया गुरुयणं च ॥ 30 अण्णाए भणियं 'णहि नहि, कुवलयमाला धण्णयरा ।
धण्णा कुवलयमाला जीए तेलोक्क-सुंदरी एसो । पुण्णापुण्ण-विसेसो णजइ महिलाण दइएहिं ॥'
अण्णा भणियं सव्वहा कुमारो घण्णो कुवलयमाला वि 'घण्गो जयम्मि पुरियो जस्सेसो पुरानो जए जानो
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एसो चेय विसेसो एसा महिला इमो पुरिसो ॥" अण्णाए भणियं 'जइ परं फुढं साहेमो अवि य जइ सहइ य रेहद्द दोण्ड वि सद्दा पयर्हति ॥ ' मोविसेसो
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ताहिं भणिये 'पिवसदि, साद को विसेसो त
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पुष्णवद सि को इमाणं विसेस करे तरह 'ति । अपरा िभणिये । महिला दिसा कयत्था जीप इमो धारिलो गम् ॥'
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कुवलयमाला कुं, JP कुंजरारूढा, इंदाणीअ P इंदाणीइ. 3 ) P
10 ) P 13)
1) Pom. य after आरूढा, P य दंसिउं 2 ) यतो आनंदिज्ज माणा, P वियप्पियंता णायरलोएण. 4 ) Padds the verse कोउयरहस etc. to सत्यो and further adds एक्का जंता णायरलोपण अवि य अइ before the verse कोउय etc., परन्त for पूरंत 5 ) P अभिरुइओ, P कुवलयमाला च्चिय 7 ) P एतस्स, P कसिणो, P अहरेश धम्मेलो, 8 ) P एतरस, P सरिसं for णरए 9 ) P कुवलयदय वच्छलयं for वच्छलं. 11 ) P जहंण for अहियं. 12 ) P ऊरुजुवलं पि सुरिसरिसं, P रंधा for रंभा, P विराएज्जंति. P साहियं for साहिओ 14 ) Jतीय, P अओ for हला, P णो for तो, दंसीयति P दंसियर, जो पुण, दंसीयति, Pom. अण्णाए भणियं किं etc. to असमाणं ॥ 17 ) P adds वा after पुरिसंतरेण, P सुंदररयरं, तीय. 18 ) Pom. अंतरं, P ताहे for ताहिं 19 ) P एसो उण होइ इत्थियणाणं ।. 20 ) अह for ताहि. 21) P सहइ रेद्द कुमारो । छज्जिर सहिइ, P दोन्नि सदा पहंति, सदो पयत्तंति 22 ) J एक्काय. 24 ) P -निम्मरया, P अहइ कंठिया, एताए, पुण, Padds J एसा. 25 ) P हसमाणीए, अवदात 27 ) P को वा वा ण सोहेज्जा. 28) P को विसेसो उवल इ. qण्णो, P वलहा, संपन्नो 30 ) P कुवलयमाली. 31 ) P एसु ।
६ after 29 ) P धम्मो for 32 ) P विसेसो. 33 ) P जाय इमो जारिभो.
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