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कुवलयमाला
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भो भो तुमं पि चंपय दोहल-कजेण चुंबिओ बहुसो । मा होज मज्झ दोसं खमसु य तं परिभवं एकं ॥ विलं कुसुम-वाहोद दुम्मणा मन्झ गमण-सोपूण आउछवा सि पियसहि कुंदलए दूर-गमणाए ॥ अणुवत णिवय-दइयं एवं सहयार पाय जुवाणं पइ-सरणा महिलाजो भणिया जोमालिए खमसु ॥ तं रोविया मए चिय पुणो वि परिणाविया तमालेण । धूए माहवि एहि ण-याणिमो कत्थ दट्ठन्वा ॥ भो भो पियाल-पायव दिष्णा मे जूहिया सिणेहेण । एयाऍ तं कुणेजा जं किं पि कुलोइयं तुज्झ ॥ सत्यं चिय पुष्णागो जाग तुमं एत्थ संदेहो जिससे चिय सयंवरं माविलयाहिं ॥ रेणाय तुम पि पुणो बहुसो विनिवारिमो मए आसि मा विसु कुंदलइयं हि ते खमसु दुब्वयणं ॥ हिंताल खमसु एहि बहुसो जं णिङ्कुरं मए भणियं । किसलय-करग्ग- णिहुयं वियंगु-लइयं फरिमाणो ॥ भो भो कयं तं पिहु अणुयत्तसु पाढलं इमं वरई । छेए वि हु सप्पुरिसा पडिवण्णं णेय मुंचति ॥ अन् वि ण दीसह थिय र कुसुमं इमाए बंधू मा तूरेचसु पंपय जणस्स कालो फलं देव ॥ हे हे पिगु-लए वारिती विचमा ददयं। एसो असोय-रुक्खो पेम्मेण ण हीरह कमाई । जाइ-विमुद्रासि तुमं पय-दइये चसे जेण कुलबालियानो लोए होति श्चिय सुद्ध-सीलाओ ॥ इय एवं भणमाणो चिर-परिइय-पायचे खमावेंती । उव्वाह बाहु-णयणा रोत्तुं चिय सा समादत्ता ॥
६ २८६ ) संठाविया व सा सहिय गेणं समागया जिय-भवणं तत्प व दिट्ठाई भाणाविहाई घर-सउण सावय 16 समूहाई, भणिउं च पयत्ता, भवि य ।
मुद्रेण जीवसि बिय मिय-रहिया व मई तुमं मइया ता पसरतु यच्चामो भाउ जो सिदटुवो ॥ सारसि मरसि सरंती मुंचामि कहं इमो य ते दइओ । दोण्णि वि वञ्चह एसो आवडिओ अंध-वृत्तंतो ॥ अणं रुइर-कलावं मोरं तुह मोरि वरिहिमो अम्हे । धीरा मा रस-विरसं परिहासो मे कओ मुद्धे ॥ ईसिणि सरस-विणे निय-हंसं भणसु हास-सस-सरिसं वच्चामु सामिणीए समयं सम- दुक्ख-सोप्साए ॥ चक्काइ तुमं स्यणिं दइय-वियोगम्मि सि मह पासे । ता वच्चसु मा णिवडउ विओोय-वजासणी तुज्झ ॥ मा होंतु विसेण व ते चओरि णयणाइँ पिययम - विओए । गुंजाफल-सरिसाई वच्चसु समयं पि दइएण ॥ पढ कीरि किंचि भणिया दइय-विओयम्मि पढिहिसि अलक्खं । पत्थाण-वजणिज्जं अणुहव-सरिसं विरह-वज्रं ॥ आप तो जइ वि तए साहिलो म्ह दहचस्स पिसुणे पुत्रिया बह मुंचामि ह सारिए कस्स ॥ इव कीरि- मोरि-सारंगि सारिया एक सारसि चभरिं भणमाणी सा वियर सोउरा चारु-तरलच्छी ॥ एवं उच्छये कुर्णतीय समागया लग्ग-वेला तत्कर्ष चवलदरस्स बहु-मज्दा-देस-भाए सम्ब-घण्ण-विरूद्धंकुरा चाउरंतयं । तत्थ य दहि-अक्खय- सुवण्ण- सिद्धत्थय- दुब्वं कुर- रोयणा-सत्थिय वद्रुमाणय-णंदावत्त-पत्त-छत्त- चमर-कुसुममहाराणा जयपुर-पडमादिए सम्ये दिव्य-मंगले णिवेसिए ताणं च मझे महिणव-पव-किसलवालेकिय तित्योदय-भरिये 27 कणव पडम पिदा चंदण-पथिक-पथिवं निबद्ध-मंगल- रक्खा-सुत्त कराय-कलर्स टावियं । तो तत्थ य संठिया दोणि वि पुग्वाभिमुदा, वंदिया रोवणा, कवाई मंगलाई । एत्येतरम्मि गाव व संप लगे पुरिलो संखो भणियं 30 संयच्ठरेण 'सिद्धि'त्ति ताव व उच्चाडिओ दाहिणो पाओ कुमारेण यमाहाय वि वाम चलणं चाहिये। पयच- 30 गंतु, णिक्खता बाहिं । संख-भेरी-तूर- काहल-मुइंग-वंस- वीणा सहस्स- जयजयासह णिब्भरं गयणयलं आसी । समुहस्स गुरुयणस्स संपत्तारायंगणं । ताव य सज्जिओ जय-कुंजरो | केरिसो । अवि य ।
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वो पव-विसामो सिय-कुसुमाभरण-भूसिमो लुंगो। जस-कुंजर-पुंजो इन पुरओ जय-कुंजरो विहो ||
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पर
2 ) दुम्मणो. 3) पसरणं, अनिमाल
)
1) पोल, सहसा for बहुसो, P दोसो for दोर्स 4 ) J चिअ बाला परिणामिआ 5 ) P मे दूहिया, P कुणेज्जासु जं. 6 ) P पुन्नाणतुमणं, P लयाएं ॥ 7 ) P छिदसु for छिवसुPता for तं. 8 ) P लिहियं for णिहुयं, P फरुसमाणो 9 P adds भो भो कथं फरुसमाणो before भो भो, P पाडलिं 11 ) P देहे for हेहे, P व for वि, माइमयं ।, P पेमेण ण हीरति 12 ) जार्मि for जेण, P सुद्धशीलेण ॥. 13) खमावेंति, P रोत्तं. 14 ) P समा गया, Jom. जिय, P दट्ठाई, P घरसवणसावश्य- 16 ) P बुद्धे for मुद्धे, Jom. चिय, P चियर, हिता य, J मइए, Padds मए before तुमं, ता परसु. 17 ) पदइणु for ते दइओ, P दोंन्नि, विवञ्चसु 18 ) P तुह पुत्ति मोरि परिहानी मुद्धो ॥. 19 ) P सरसिसिणेहे, P सुह for सम 20 ) P चक्काय, विओअम्मि. 21 ) P मा होओ विमेण विते चउरिणयाणाई, विसणवरे चउरिणयसाई विजयन, गुंजाहल, P मुंचसि तइयं for वच्चसु समयं 22 ) P inter. किंचि & कीरि,
P दय for दइय, P पथाण, मणुहव J for अणुहव. सारआ, P चक्कसारसचउरी, Jom. सा, दाभदायकुरुप उमादिया P परमप्पहाणं, Jom. चंदण, P - चक्कियं.
P - मुयंग, P गयणं आती। सा समुहस्स, मुमुहस्स गुरुअस्स. J
23 ) P य for वि, 1 पितुणि, P adds वि before अहयं, P अहियं. 24 ) रसिर for स. 25) सभाम26) सिद्धत्यदुवं कुरुरोपणा, P 27 जायंकुर for अकुर, पडमातीए ने for दिव्य 28) 29 ) मंगलाई, P संपतं. 30 ) P चालिओ for घालियं. 31 3 बहु for बाहि 33 ) Pधववलविण्णो सिय, विसालो for विसाणो, जय for जस.
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