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________________ [६१ वस्तु स्वभाव एवं विश्व व्यवस्था ] उपरोक्त चर्चा “वत्थु सहावो धम्मो” विषय के अन्तर्गत जीवद्रव्य का स्वभाव क्या है- इस विषय पर स्पष्टीकरण चल रहा है। अत: जीवद्रव्य का स्वभाव ज्ञान की मुख्यता से उपरोक्त प्रकार से मात्र जानने का ही है, उस जानने की प्रक्रिया भी ऊपर कहे अनुसार स्व को जानते हुए पर का ज्ञान भी हो जाने की है। ऐसे स्वभाव में आत्मा का बने रहना, वह ही जीवद्रव्य कहो या आत्मा कहो, उसका धर्म है । यही “वत्थु सहावो धम्मो” विषय के माध्यम से आत्मा का धर्म समझने का अभिप्राय है। आत्मा के धर्म की प्रगटता उपरोक्त विषय को इसप्रकार समझ लेने पर, आत्मा का धर्म अर्थात् आत्मा को शांति की प्राप्ति कैसे होती है-इस प्रश्न का समाधान तो नहीं होता। इस प्रश्न का समाधान तो “धर्म प्राप्त करने के मार्ग" शीर्षक के अन्तर्गत आगे विशद् रूप से स्पष्ट करेंगे। यहाँ तो मात्र इतना ही संकेत मात्र समझ लेना चाहिए कि उपरोक्त आत्मस्वभाव को समझकर एवं उसके जानने की प्रक्रिया को समझकर, ऐसा समझना है कि आत्मा तो मुख्यतया स्व को ही जानता है, जो ज्ञेयरूप से आत्मा के ज्ञान में पर पदार्थ ज्ञात हो रहे हैं, वे तो पर हैं, वे अपने - अपने स्वचतुष्टय में परिणमन कर रहे हैं, वे मेरे ज्ञान में ज्ञेय रूप से ज्ञात होते हुए भी, उनसे मेरा किंचित मात्र भी कोई प्रकार का संबंध नहीं है। वे मेरे ज्ञान में आते हुए भी मेरे लिए उपेक्षणीय हैं। ऐसी श्रद्धा विश्वास उत्पन्न हो जाने पर रुचि का वेग पर से हटकर स्व की ओर होने के कारण, आत्मा के जानने की प्रक्रिया में भी एकमात्र स्व ही होने का कोई कारण ही नहीं रहा। अत: आत्मा को निराकुल होने का अर्थात् सुखी होने का एकमात्र यह ही मार्ग होने से यह ही आत्मा का धर्म है अर्थात् शांति प्राप्त करने का मार्ग है। इसप्रकार “वत्थु सहावो धम्मो” के माध्यम से आत्मा को धर्म प्राप्त करने का यही यथार्थ मार्ग है-ऐसा निर्णय में आता है, विश्वास में जमता है, ऐसी सम्यक् श्रद्धा उत्पन्न होती है, यही सम्यग्दर्शन रूप धर्म है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001862
Book TitleSukhi Hone ka Upay Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Patni
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2007
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & philosophy
File Size7 MB
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