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तीर्थंकर महावीर
वीरयश'
वीरयश के सम्बन्ध में भी हमें कुछ जानकारी नहीं है। ठाणांगसूत्र दीक्षा लेने की बात आती है, उसमें एक नाम वीर
में आठ राजाओं के यश का भी है ।
वैश्रमणदत्त
रोहितक नामक नगर था । उसमें पृथिव्यवतंसक नामक उद्यान था, जिसमें धरण - नामक यक्ष का आयतन था
उस नगर का राजा वैश्रमणदत्त था । उसकी भार्या का नाम श्रीदेवी था और पुष्यनंदी उनका कुमार था ।
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जब भगवान् ग्रामानुग्राम विहार करते हुए रोहितक गये तो वैश्रमणदत्त भी भगवान् की वंदना करने गया ।
शंख
मथुरा नगरी में शंख - नामक राजा राज्य करता था। उनमें परस्पर
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१ – समणेण भगवता महाव रेणं अट्ठ रायाणी मुंडे भवेत्ता गारातो अणगारितं पच्चाविता पं० तं वीरंगय, वीरजसे, संजय, एणिज्जते, य रायरिसी । सेय सिवे उदायणे [ तह संखे कासिबद्धणे ] - ठाणांगसूत्र सटीक, ठाणा ८, उ० ३, सूत्र ६२१ पत्र ४३०-२ ( उत्तरार्द्ध )
२ - विपाकसूत्र ( पी० एल० वैद्य-सम्पादित ) श्रु० १, अ० ९, पृष्ठ ६२
३ - उत्तराध्ययन सटीक, अ० १२
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