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________________ ३४० तीर्थंकर महावीर ३६. जिणदास-सौगंधिका-नगरी में नीलाशोक उद्यान था । उसमें सुकाल-यक्ष था। अप्रतिहत राजा था। उसकी रानी का नाम सुकन्या था । महचंद्र कुमार था। उसकी पत्नी का नाम अरहदत्ता था । उसके पुत्र का नाम जिनदास था । भगवान् उस नगर में आये। भगवान् ने उसके पूर्व भव की कथा कही । उसने साधु-व्रत स्वीकार कर लिया।' ३७. जिनपालित-देखिए तीर्थङ्कर महावीर, भाग २, पृष्ठ ९३ ३८. तेतलीपत्र-तेतलीपुर नामक नगर था। उसके ईशान कोण में प्रमदवन था। उस नगर में कनकरथ ( कणागरह ) नामक राजा राज्य करता था। उसकी पत्नी का नाम पद्मावती था । तेतलिपुत्र नाम. का उनका आमात्य था । वह साम-दाम-दंड-भेद चारों प्रकार की नीतियों में निपुण था। उस तेतलिपुर-नामक नगर में मूषिकारदारक नामक एक स्वर्णकार रहता था। उसकी पत्नी का नाम भद्रा था और रूप-यौवन तथा लावण्य में उत्कृष्ट पोट्टिला-नामक एक पुत्री थी। ____ एक बार पोट्टिला सर्व अलंकारों से विभूषित होकर अपनी चेटिकाओं के समूह से प्रासाद के ऊपर अगासी पर सोने के गेंद से खेल रही थी। उस समय बड़े परिवार के साथ तेतली पुत्र अश्ववाहिनी सेना लेकर निकला था । उसने दूर से पोट्टिला को देखा । पोट्टिला के रूप पर मुग्ध होकर उसने पोट्टिला-सम्बंधी तथ्यों की जानकारी अपने आदमियों से प्राप्त की और घर आने के पश्चात् अपने आदमियों को पोट्टिला की माँग करने के लिए स्वर्णकार के घर भेजा। उसने कहलाया कि, चाहे जो शुल्क चाहो, लेकर अपनी कन्या का विवाह मुझ से कर दो। उस स्वर्णकार ने आये मनुष्यों का स्वागत-सत्कार किया। मंत्री की १-विपाकसूत्र ( मोदी-चौव.सी-सम्पादित) २-५, पष्ट ८१ ! २-उपदेशमाला दोघट्टी-टीका पत्र ३३० में राजा का नाम कनककेतु लिखा है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001855
Book TitleTirthankar Mahavira Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1962
Total Pages782
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Story
File Size10 MB
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