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मद्दुक और अन्यतीर्थिक
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उसके बाद भगवान् ने मद्दुक श्रमणोपासक और पर्पदा को धर्मोपदेश किया । धर्मोपदेश सुनकर सभी उपस्थित लोग और मद्दुक वापस लौट गये ।
सबके चले जाने के बाद गौतम स्वामी ने भगवान् से पूछा - "भगवन् ! मद्दुक श्रमणोपासक क्या आपके पास प्रव्रज्या लेने के लिए समर्थ है ?"
भगवान् ने कहा - " वह समर्थ नहीं है । वह गृहस्थाश्रम में ही रहकर व्रतों का पालन करेगा और मृत्यु के बाद अरुणाभ विमान' में देवता- रूप से उत्पन्न होगा और अंत में सर्व दुःखों का अन्त करेगा ?१३ भगवान् ने अपना वह वर्षावास राजगृह में बिताया ।
१ - पॉचवें देवलोक का एक विमान ।
२ - भगवती सूत्र सटीक श० १८ उदेशा ७, सूत्र ६३५ पत्र १३८१-१३८६
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