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________________ or or u r (२५१) 'तिन्नि सए दिवसाणं अउणापन्ने य पारणाकालो। उक्कुडु अनिसिज्जाए ठिय पडिमाणं सए बहुए ॥९॥ पव्वज्जाए दिवसं पढमं इत्थं तु पक्खिवित्ता णं । संकलियम्मि उ संते जं लद्धं तं निसामेह ॥१०॥ बारस चेव य वासा मासा छच्चेव अद्धमासो अ। चीरवरस्स भगवओ एसो छ उमत्थ परियाओ ॥ ११ ॥ आवश्यक नियुक्ति, पृष्ठ १००, १०१. छः मासी तप ५ दिन कम छः मासी चउमासी त्रिमासी ढाईमासी दो मासी डेढ़ मासी मास खमरण पक्ष खमरण भद्र प्रतिमा २ दिन महाभद्र प्रतिमा ४ दिन सर्वतोभद्र प्रतिमा १० दिन भगवान की तपस्या का विवरण नेमिचंद्र सूरि-रचित 'महावीर-चरियं' गाथा १३५८-१३६५ पत्र ५८-१; हेमचन्द्राचार्य-रचित 'त्रिषष्टि शलाका पुरुषचरित्र', पर्व १०, सर्ग ४, श्लोक ६५२-६५७ पत्र ६४-२; गुणचन्द्र गणि विरचित 'महावीर-चरिय' पत्र २५-२ में भी मिलला है। आवश्यक की हारिभद्रीय टीका २२७-२ से २२९-१ और मलयगिरि की टीका पत्र २६८-२ से ३००-२ तक आवश्यक-नियुक्ति-दीपिका प्रथम भाग पत्र १०७-१ से १०८ पत्र में यही विवरण है। or form Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001854
Book TitleTirthankar Mahavira Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1960
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, Story, N000, & N005
File Size20 MB
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