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________________ ( १२१ ) पेट में रख दिया और बकरी का बच्चा बकरी के पेट में रख दिया । कालान्तर में बकरी और स्त्री ने जिन बच्चों को जन्म दिया, वे स्वस्थ और स्वाभाविक रहे । (२) आज के आश्चर्यो में यही एक आश्चर्य नहीं है । 'नवभारत टाइम्स' ( ५ तथा ७ नवम्बर १९५६ ) में मास्को का एक समाचार प्रकाशित हुआ है कि डा० ब्लादीमीर देमिखोव ने एक कुत्ते में एक अतिरिक्त हृदय लगा दिया । और, वह दो हृदयों वाला कुत्ता जीवित ही रहा । इसी प्रकार उन्होंने एक कुत्ते में एक अतिरिक्त सिर लगा कर उस दो सिर वाले कुत्ते को भी जीवित रखा। उक्त डाक्टर का कथन है कि आज से ५० वर्ष बाद अययवों का प्रतिस्थापन उपचार की सब से लोकप्रिय और सुरक्षित प्रणाली होगी । अधेड़ उम्र के : आदमी का हृदय, फेफड़ा, गुर्दा अथवा जिस अवयव की आवश्यकता होगी, बदल दिया जा सकेगा । और तब मनुष्य १५० से २०० वर्षों तक स्वस्थ रूप में जीवित रह सकेगा । 1 (३) इसी प्रकार का एक विवरण ओमप्रकाश ने 'नवनीत' (जुलाई १९५४ - पृष्ठ ४१ ) में अपने लेख 'नारी नहीं अब बोतलें बच्चों को जन्म देंगी' में लिखा है "कोलम्बिया विश्वविद्यालय के एक गवेषक डॉक्टर लैंड्रम शैटील्स ने कृत्रिम रूप से शुक्र और रजकरणों का संयोग कराया है और कृत्रिम डिम्ब - कोषों में कृत्रिम गर्भ को पैदा करके उसके ५० घण्टे तक बिला गर्भाशय के जिन्दा रखा है | (४) आज विज्ञान हमारे सम्मुख जो आश्चर्य प्रत्यक्ष कर रहा है, उसे देखकर भी जो लोग विज्ञान की ही दुहाई देकर गर्भपरिवर्तन- सरीखी बात को असम्भव मानते हैं, उनको क्या कहा जाये । यह वस्तुतः उनकी अज्ञानता है । आदमी किसी चीज को न देखे और तब असम्भव माने तो ठीक है, पर इस युग में कितनी कल्पना से भी परे वस्तु को आँख से देखकर भी गर्भ " Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001854
Book TitleTirthankar Mahavira Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayendrasuri
PublisherKashinath Sarak Mumbai
Publication Year1960
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, Story, N000, & N005
File Size20 MB
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