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गणधरवाद
87-90. जब वे भिक्षा लेने के लिए निकलते, तब श्रावक अपने-अपने घर में भिक्षा देने का लाभ लेने की अभिलाषा से तैयार रहते और आमण सेठ जैसे भी उन्हें अपने हाथ से भिक्षा देते । वे जिस गाँव में विराजमान होते, वहाँ के भक्तजन प्रायः उनका दर्शन किए बिना भोजन नहीं करते थे। श्री वीरदेव के पुत्र ठाकुर श्री जज्जन जैसे व्यक्ति तो आचार्यश्री के पाँच कोस तक दूर रहने पर भी उनका दर्शन करके ही भोजन करते थे।
91-93. वे ऐसे वन्दनीय थे कि, अणहिलपुर पाटन में यदि किसी एक व्यक्ति को जिनायतन में बुलाया जाता तो शेष सभी श्रावक बिना बुलाए ही एकत्रित हो जाते । ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रह्मा ने उनकी मूर्ति अमृत रस से निर्मित की थी। उनके दर्शन से जीवों का कषाय-विष उतर जाता था ।
94. अन्य मतावलम्बी भी उनका दर्शन कर आनन्दित होते और उन्हें अपने देवता के अवतार स्वरूप मानते ।
95-99. उनके मुख से सदैव ऐसे वचन निकलते जिनका श्रवणकर श्रोताओं का मन शान्त हो जाता। जिन मन्दिर में दर्शनार्थ जाने के नियम को लेकर रोष के कारण श्रावकों में जो कलह हुआ था, उसे उन्होंने शान्त किया था। जहाँ दो भाई आपस में नहीं बोलते थे, उन्हें उपदेश देकर वे उनमें सन्धि करवाते । जो लोग राज-कृपा के कारण अभिमानी हो गए थे, जो लोग अपने गच्छ के अतिरिक्त अन्य साधुनों को नमस्कार नहीं करते थे, अथवा जो राजा के मन्त्री थे, उन्हें भी उन्होंने सामान्य मुनियों के प्रति आदरशील बनाया ।
100-101. गोपगिरि (ग्वालियर) के शिखर पर स्थित भगवान् महावीर के मन्दिर के द्वार को वहाँ के अधिकारियों ने बन्द करवा दिया था। इस कार्य के लिए ये प्राचार्य स्वयं राजा भुवनपाल के पास गए और उसे समझा कर उस मन्दिर के द्वार खुलवा दिए।
_102. उन्होंने गरणग के पुत्र शान्तु मन्त्री को कह कर भरूच में स्थित श्री समलिका विहार के ऊपर सुवर्ण कलश चढ़वाया ।
__103. राजा जयसिंहदेव को कह कर समस्त देश में पर्युषणादि पर्व दिनों में अमारी की घोषणा करवाई।
___104 शाकम्भरी (अजमेर के निकट साँभर) के राजा पृथ्वीराज को पत्र लिख कर रणथम्भोर के जिनमन्दिर पर सुवर्ण कलश चढ़वाया।
_____105-106. उपवास या बेला करने पर भी दोनों समय की धर्मदेशना देने का काम उन्होंने कभी बन्द नहीं किया। वे श्रावकों को अष्टाह्निका जैसे उत्सवों में प्रवृत्त रहने को प्रेरित करते थे।
___ 107-111. जब उन्हें अपने ज्ञान के बल पर यह मालूम हुआ कि, उनका अन्त अब निकट है. तब शरीर के नीरोग रहने पर भी उन्होंने एक-एक ग्रास का आहार क्रमशः कम
1. पहले दर्शन कौन करे? इस विषय में श्रावकों में झगड़ा हुना होगा ऐसा प्रतीत होता है।
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