SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 17 ११६ ११६ अलोक के अस्तित्व में प्रमाण धर्माधर्मास्तिकायों की सिद्धि सिद्ध-स्थान से पतन नहीं आदि सिद्ध कोई नहीं सिद्धों का समावेश वेद-वाक्यों का समन्वय ११६ ११६ ११८ ७. सातवें गरगधर मौर्यपुत्र-देव-चर्चा १२१-१२७ देवों के विषय में सन्देह १२१-१२२ वे यहाँ कैसे पाएं? संशय का निवारण १२२-१२७ देव-साधक अन्य अनुमान देव प्रत्यक्ष हैं १२२ ग्रह-विकार की सिद्धि अनुमान से सिद्धि १२२ देव पद की सार्थकता देव इस लोक में क्यों नहीं पाते ? १२४ वेद-वाक्यों का समन्वय १२४ १२५ १२५ १२५ १२६ ८. पाठवें गणधर अकम्पित--नारक-चर्चा १२८-१३३ नारक विषयक सन्देह १२८ आत्मा इन्द्रियों से भिन्न है १३० संशय-निवारण १२९-१३३ अतीन्द्रिय ज्ञान का विषय समस्त है १३१ नारक सर्वज्ञ को प्रत्यक्ष हैं १२६ किसी को भी प्रत्यक्ष हो, वह प्रत्यक्ष इन्द्रिय ज्ञोन परोक्ष क्यों ? ही है १२६ अनुमान से नारक-सिद्धि १३२ इन्द्रिय ज्ञान परोक्ष है १२९ उपलधि-कर्ता इन्द्रियाँ नहीं. सर्वज्ञ के वचन से सिद्धि आत्मा है १३० वेद-वाक्यों का समन्वय . الله الله هل للع الله ६. नवमें गणधर अचलभ्राता-पुण्य-पाप-चर्चा १३४-१५१ पुण्य-पाप के विषय में संदेह १३४-१३६ अदृष्ट-रूप कर्म की सिद्धि १४१ पुण्यवाद १३५ केवल पुण्यवाद का निरास, पाप पापवाद १३५ सिद्धि १४२ पुण्य-पाप दोनों संकीर्ण हैं १३५ केवल पापवाद का निरास, पुण्यपुण्य-पाप दोनों स्वतन्त्र हैं सिद्धि १४३ स्वभाववाद संकीर्ण पक्ष का निरास १४३ संशय-निवारण १३६.१५१ कर्म-संक्रम का नियम १४५ स्वभाववाद का निराकरण पुण्य व पाप का लक्षण १४५ अनुमान से पुण्य-पाप कर्म की सिद्धि १३७ कर्म-ग्रहण की प्रक्रिया १४६ पुण्य-पाप रूप अदष्ट कर्म की सिद्धि १३८ पुण्य-पाप प्रकृति की गणना १४८ कर्म के पुण्य-पाप भेदों की सिद्धि १३६ पुण्य-पाप के स्वातन्त्य का समर्थन १४९ कर्म अमर्त नहीं वेद-वाक्यों का समन्वय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001850
Book TitleGandharwad
Original Sutra AuthorJinbhadragani Kshamashraman
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages188
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Canon
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy