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कमल जाप
पाँच परमेष्ठी चार आराधना
णमो लोए सव्वसाहू
सम्यक् चारित्राय
नमः
तत्त्वानुशासन
सभ्यक् तपसे नमः
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णमो सिद्धाणं
=
णमो अरहंताणं
णमो उवज्झायाण
सम्यक् ज्ञानाय नमः
इस कमल में ८ पंखुड़ियाँ हैं । बोच में कणिका है । एक पांखुड़ी और कर्णिका में १२-१२ पीतबिन्दु हैं । तथा पंचपरमेष्ठी व चार आराधना वाचक नौ मंत्र हैं । नौ मंत्रों को बारह-बारह बार उच्चारण करने
से एक जाप्य ( माला ) पूरा हो जाता है |
१२x९.
=
१८०
णमो अरहंताणं – १२ णमो सिद्धाणं - १२ सम्यक् दर्शनाय नमः- -१२ णमो आइरियाणं - १२ सम्यक् ज्ञानाय नमः - १२ णमो उवज्झायाणं - १२ सम्यक् चारित्राय नमः- -१२ णमो लोए सव्वसाहूणं --१२ सम्यक् तपसे नमः- १२
= १०८
--
७५.
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