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जसहरवरिउ
मात्रिक छन्द
(४) आनन्द :-५ मात्रा अन्त लघु उदाहरण :-इय मुणिवि । पसु हणिवि ।
___करि संति । तुह कंति ॥ ( २, १६ ) ( ५ ) मदनविलास :-८ मात्रा अन्त गुरु गुरु उदाहरण :-अमयमईए । सच्छमईए ।
___ हंसगईए । सुद्ध-सईए ॥ ( २, १) ( ६ )करिमकरभुजा-८ मात्रा अन्त ल ग उदाहरण :-मंति हुणउ । खरिंग लुणउ ॥
___ दिसिबलि कुणउ । हुअवहि हुणउ ॥ ( २, १८) यहाँ अन्तिम हस्व स्वर का मान द्वि-मात्रिक है। (७) मधुभार :-८ मात्रा अन्त ल ल उदाहरण :-जो आयण्णइ । चंगउ मण्णइ ।।
लिहइ लिहावइ । पढइ पढावइ ।। ( ४, ३१, ९-१० ) इस कडवकमें मधुभार और मदनविलासका मिश्रण पाया जाता है। यथा :-पाव-णिसुंभणि । मुद्धा बंभणि ॥
उयरुप्पणें । सामल-वणें ॥
(८) चारुपद :-१० मात्रा अन्त ग ल उदाहरण :–ता भासियं तेहि । भावि फुरतेहि ॥
भो सुद्ध-वर-वंस । सिरि-पोमिणी-हंस ॥ (१, १७, १-२) यही छन्द २, १७ और ३, २७ कडवकोंमें भी आया है। (९) मदनावतार ( मंजुतिलका ) २० मात्रा अन्त लघु उदाहरण :-जहिँ रसिय-सिंगाइँ उद्धरिय-कंडाइँ।
भअदंड-दक्खविय-कोअंड-दंडाइँ॥ लंबंत-माऊर-पिछोह-णिवसण।।
मसि-धातु-मंडियइँ पित्तल-विहूसणइँ ।। ( १, १६, १-२ ) यही छन्द कडवक ३, १३ में भी आया है । (१०) दुवई :–२८ मात्रा अन्त ल ग उदाहरण :-तड-तरु-पडिय-कुसुम-पुंजुज्जल
पवण-वसा चलंतिया। दीसइ पंच-वण्ण णं साडी
महि-महिलहि घुलंतिया ॥ जल-कीलंत-तरुणि-घण-थण-जुय
वियलिय-घुसिण-पिंजरा । वायाहय-विसाल-कल्लोल
गलत्थिय-मत्त-कुंजरा।। ( ३, १, १-२)
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