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इँ सोइ पहु चिरजम्मसुउ हा मोर ज्यु घरपुत्तलिय तुहुँ जाम सिहरि थिउ पायडउ हा विणु को हियवउ हरइ त्रिणु एवहि रंगावलिय कामिणिपयणेउरसरु सुणिवि हा जसहरु राणउ अज्जु मुउ हा सूअर अज्जु कसेरदलु करवंदजालवणि वसिय मए
जसहरचरिउ
इ सोइवि दिurs तेण सहि जिह पिउपजणणि चिरु णिहिउ जणु पियरहँ जलु भोयणु ठवइ णिक्खज्जरुक्खपत्थर पउरे जिज्जले मरुहयगय धूलिरए काहिं विहिं इवें वणिउ मग भुक्खिय दुक्खिय सुक्खथणि दुद्धिं विणु जढराण जलिउ हि सा अयणायसयई खद्धइँ विवरहो कडूढेत्रि किह सोहु र तहँ हुउ उरउ
घत्ता—कयदुग्गइँ सारंगइँ रण्णि भवंतु सइच्छइँ । को सारउ मिगमारउ एयहो कविलहो पच्छइँ ॥३५॥
पल्लव मुहु विससिहि मुयइ सोहउँ भक्खमि सो मइँ डसइ तोडइ तडत्ति तणुबंधणई फाडइ चडनि चम्मइँ चलई हउँ एम तरच्छि खयहो णिउ को लंघइ महियलि कम्मवसु
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हा सिहि घरसिरिभूसणउ चुउ । पइँ चडियइ होइ सकुंतलिय । घरि ताम ण सोहइ धयवडउ । घरवावीहंसिं सहुँ चरइ | छज्जइ विचित्त कुसुमावलिय । विणु को
धुणिवि ।
हा दइव काइँ मइँ सुणहु हउ । भक्खंतु पिअंतु सुसच्छु जलु । सुहु अणुहवंतु सरकद्दमए ।
घत्ता - वणि विलसइ बिलि पविसइ जाम ताम मइँ लडूउ | मुहलग्गन पुच्छग्गणं धरिवि खाहुँ पारगड ||३६||
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कि वह मि मरणसंकार विहि । तिह पाणिउ पिंडदाणु विहिउ । पियरुल्लउ किं पिण अणुहवइ । उग्गयसामरिबंबु खयरे । काणि सुवेलगिरिपच्छिमए । हउँ कुंट पसविण जणिउ ।
जीइ लिह िण लहमि धणि । मइँ एक् सप्पु कत्थइँ गिलिउ । णं धम्महो मूलइँ उक्खयई । अइभुक्खिण गरुडेण जिह | दुद्धरसरढुंर्देरभक्खिरउ ।
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[ २.३५. ४
दढवियडफडे फडु फुप्फुत्र इ । महु पलु तच्छु पच्छइ गसइ । मोडइ कत्ति हडुइँ घणई । घुट्ट घडत्ति सोणियजलई । मइँ मायाविसहरु कवलु किउ । अण्णोण्णाहार मरंति पसु ।
३. S सोइय; A सोवइ । ४. ST सिरु । ५. ST चरंतु ।
३६. १. ST पुणु किउ | २. AST वञ्बुल । ३. ST साउ लहिवि । ४. S दुंदुर; T डिंदुर ।
३७. १. T फणफ्कडु । २. ST पच्छइ तरच्छु ।
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