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जसहरचरिउ
[ २. ३२. ६हउँ पुणु हिंडैमि घरपंगणइ खेल्लमि उड्डुमि गयणंगणइ । ता एकहि दिणि उढ्डं गण सउहयलसिंगि रंगंतपण । दिउ जलहरु गजंतु किह गिंभारिहि रुट्ठउ सुहडु जिह । दिट्ठउ सुरचाउ पीउँ हरिउ णं णहमंदिर तोरणु धरिउ । ___ घत्ता-विज्जुलियन कंचुलिया भूसियदेहरा सुरधणु ।। घणमाला णं बाल किउ विचित्तु उप्परियणु ॥३२॥
३३ पाउसु णिएवि रोमंचियउ
हउँ परमाणंदि णच्चियउ । पुणु रुण्णउ मई थोरंसुयहि णं जम्मासुहसुमरणचुयहिं । पुणु दिट्ठउ खुजउ खोणियहि आसत्तंउ पिययमराणियहि । ईसावसेण विसमि णडिउ रूसिवि दोहि मि उप्परि पडिउ । चलपक्खणक्खचंचूहयई
पहुँणयझडप्पण महिगयई। णीसारइँ जारई हासरई
बिणि वि णिहयई उड्डियकरइं। रुहिरुल्लउ धारहि परियलिउ मिहुणुल्लउ विहलंघलु घुलिउ । मणिरसणादामि ताडियउ । कंताइ चरणु महु मोडियउ । घत्ता-जइयहुँ पहु तइयहुँ स हु असमाणउ णउ घायमि ॥
एवहिं डहु मोरउ लहु तेण तीइ करु लायमि ॥३३॥
उटुंतु पडंतु पधाइयउ
पच्छइ परिवारु पराइयउ। तहिँ एक्कइ कोवाऊरियए
पाउय महु मुक्की दारियए। अण्णेक्कइ चामरदंडपण
आहउ कप्पूरकरंडण । अण्णेक्का तडेउ एंतियए
चट्टयफलेण पहरंतियए । अण्णेका हउ हारावलिए
अण्णेक्कएक्ककुसुमंजलिए। अवरई वीणादंडेण हउ
हउँ कह व कह व रंगंतु गउ । घे घे पभणंतिउ खुन्जियउ
पच्छइ लग्गउ घरलंजियउ । घत्ता-सुरउद्दहो तहु सद्दहो आएं जणणीसाणि ॥
गलि धरियउ थरहरियउ हउँ णिम्मुक्कउ पाणिं ॥३४॥
जसवइराएं पीडियगलउ
आबद्धदीहदढसंखलउ। मेल्लविउ ण मेल्लइ णिट्ठरउ पासयफल, हउ कुक्कुरउ । सिरु दोहाविउ गउ सो वि मुउ विहि कम्मवियारु विचित्तु कउ । ३. ST घरसिहर इ पंगणइ। ४. S सियसउहसिगि; T सियस उहयलसिरि; A सउहयलसिहरि ।
५. T पीयहरिउ । ६. S भरिउ । ३३. १. ST पियरायाणियहि । २. AT रोसें। ३. AT मेहणय । ३४. १. A पाडव । २. ST णट्ठउ । ३. S चड्डयफणेण । ४. S धाविवि । ३५. १. A दिढ । २. A विवाउ ।
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