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[ ११ ] मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रस्तुत ग्रन्थके अध्ययनसे न केवल जैन, बौद्ध, सांख्य, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा, वेदान्त आदिकी दार्शनिक मान्यताओंका ज्ञान प्राप्त होगा, अपि तु दार्शनिक क्षेत्रमें प्रस्तुत ग्रन्थका एक नितान्त महत्त्वपूर्ण रचनाके रूपमें समादर होगा।
सारनाथ २५-१२-७४
भिक्षु जगदीश काश्यप
भू० पू० निदेशक नव नालन्दा महाविहार
नालन्दा
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