________________
श्री पूर्वधराचार्यदेवश्री शिवशर्मसूरीश्वर विरचित
कर्म प्रकृतिगतमुनीकरण
प्रेरका : संशोधकाच
लालमहोदयः कर्मसाहित्यनिष्णाता आचार्यदेव श्री म
प्रकाशिका
Jain Education International
श्री प्रेमगुणाटीका विभूषितम् (प्रथमो भागः )
भारतीय
प्रकाशन समितिः, पिंडवाडा
प्राच्यतत्व
For Private & Personal Use Only
श्वरा
www.jainelibrary.org