SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सूत्र संख्या १३ ૪ विषय छींके के निर्माण का निषेत्र छीके के निर्माण के अपवाद १५-३८ सूई, करनी (केंवी) नखछेदक एवं कर्णशोधक १५-१८ सूई, कतरनो, नखछेदक एवं कर्णशोधक के सुधरवाने का निषेध एवं तद्विषयक अनवाद १६- २२ बिना प्रयोजन सूई आदि की याचना करने का निषेध एवं तद्विषयक दोष २३-२६ सूई आदि की प्रविधि से याचना करने का निषेध ४० ३९-४६ पात्र, दण्ड प्रदि ३६ ४१ रज्जु, चिलमिली आदि के निर्माण का निषेव एतद्विषयक प्रावाद ४२ ४३ [ ३ ] २७-३० सूई ग्रादि जिस प्रयोजन से लाई जाए उसके अतिरिक्त अन्य प्रयोजन सिद्ध करने का निषेध ६७१-६७२ ३१-३४ सूई प्रादि केवल अपने कार्य के लिए लाने पर अन्य को देने का निषेध ६७३-६७४ ६७५-६८१ ३५-३८ सूई प्रादि के अविधिपूर्वक लौटाने का निषेध सूई आदि के लौटाने की विधि ६८२-६८४ पात्र सुधरवाने का निषेध पात्र के भेद व पात्र सम्बन्धी प्रपवाद दंड प्रादि सुधरवाने का निषेध दंड के द दंड का परिमार दंड रखने का प्रयोजन दंड आदि सुधरवाने के अपवाद पात्र के गली लगाने का निषेध पात्र के थेगली लगाने के अपवाद पात्र के तीन से अधिक थेगलियां लगाने का निषेध एवं तत्सम्बन्धी अपवाद पात्र को प्रविधि मे बांधने का निषेध बंधन के प्रकार तथा बंधन की विधि बिना प्रयोजन विधिपूर्वक बांधने का भी निषेध पात्र बांधने के अपवाद Jain Education International गाथाङ्क For Private & Personal Use Only ६३१-६५० ६५१-६६१ ६६२-६८४ ६६२-६६७ ६६६-६७० ६८५-७५८ ६६५-६६८ ६८-६६८ ६६६ ७००-७०२ ७०३ ७०४-७२५ ७२६-७३१ ७३२-७३६ ७३७-७३६ vrs ७४१-७४२ पृष्ठाङ्क ३७ ३८-३६ ३६ ४०-४१ ४१-४६ ४१-४२ ४२-४३ ४३ ४३-४४ ४' ४४-४५ ૪૬ ४६-५६ ४६-४७ ४७-४८ ४८ ४६ 39. 99 ४६-११ ५१ ५१-५२ ५२-५३ ५३ " ५४ www.jainelibrary.org
SR No.001829
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
PublisherAmar Publications
Publication Year2005
Total Pages498
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_sanstarak
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy