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________________ सूत्र संख्या rr સ્ विषय पात्र को एक बंधन से बांधने का निषेध पात्र को तीन से अधिक बंधनों से बांधने का निषेध एवं तत्सम्बन्धी प्राश्चित व अपवाद ४६ नियत काल के बाद अधिक बंधन वाला पात्र रखने का निषेध बन्धन वाला पात्र रखने में लगने वाले दोष ४७-५६ वस्त्र ४७ ४८ ४६ ५० ५१ [ ४ ] ५.६ वस्त्र के गली देने का निषेध वस्त्र के प्रकार वस्त्रों के परिभोग की विधि तथा तद्विषयक गुण बहु परिकर्मयुक्त वस्त्र ग्रहण करने का निषेध एवं तत्सम्बन्धी अपवाद वस्त्र के तोन से अधिक थेगलियां लगाने का निषेध तथा तत्सम्बन्धी अपवाद वस्त्र को अविधि से सीने का निषेध तथा तत्सम्बन्धी प्रायश्चित्त सिलाई के भेद वस्त्र के गांठ लगाने का निषेध, तत्सम्बन्धी अपवाद एवं प्रायश्चि वस्त्र के तीन से अधिक गांठें लगाने का निषेध ५२ फटे हुए वस्त्र के गांठ लगाने का निषेध ५३ फटे हुए वस्त्र के तीन से अधिक गांठें लगाने का निषेध ५४ अविधि से गांठ लगाने का निषेध ५५ असदृश वस्त्र को थेगली लगाने का निषेध, तत्सम्बन्धी प्रपवाद एवं प्रायश्चिन ५७ घर की भित्ति पर लगे हुए घूम को लेने का निषेध एतत्सम्बन्धी अपवाद एवं प्रायश्चित्त ५८ सदोष आहार ग्रहण करने का निषेध एतत्सम्बन्धी प्रायश्चित्त एवं अपवाद Jain Education International गाथाङ्क ७४३-७४४ For Private & Personal Use Only प्रमाण से अधिक वस्त्र नियत काल से अधिक समय तक रखने का निषेध, तत्सम्बन्धी अपवाद एवं प्रायश्चित ७४५-७४६ ७५०. ७५१--७५८ ७५६-७६७ ७५-७६३ ७६४-७६६ ७६७--७७५ ७७६-७८० ७८१७८३ ७८४७८६ 959-98? ७६२७६७ ७६८- ८०३ ८०४ -८१५ पृष्ठाङ्ग ५.४ ५. ५. ५५-५६ ५६ -- ६२ ५६ ५६-५७ ५७-५८ ५८-५६ ५६--६० m ६० 07 ६०.६१ ६१ " ६१--६२ ६२ ६२-६३ ६३ ६३-६६ www.jainelibrary.org
SR No.001829
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
PublisherAmar Publications
Publication Year2005
Total Pages498
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_sanstarak
File Size24 MB
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