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________________ वरांग चरितम् शेषांश्च दस्यून्प्रतियोद्ध कामान् जघान तांस्तान्समरे युवेन्द्रः । पलायमानानपरान्निरुध्य चिच्छेद तेषां करकर्णनासम् ॥ ४३ ॥ नृपात्मजेन प्रतिहन्यमानास्तमेव केचिच्छरणं प्रजग्मुः । विन्यस्य वक्त्रे त्वपरे तृणानि जिजीविता 'शाः प्रययुर्भयार्ताः ॥ ४४ ॥ हतेश्वरे सापि पुलिन्दसेना दुद्राव शस्त्राणि विसृज्य दूरात् । नरेश्ववादित शत्रुपक्षः पुनर्निवृत्तः समराजिराय ॥ ४५ ॥ रणावनौ सिहरवानुकारी क्षेमप्रशंसी पटहो ननदं । प्रत्यागतास्ते पप्रच्छुरन्योन्यमविनतां च ॥ ४६ ॥ पटहस्वनेन डगमगाने लगा था और वह धड़ामसे भूमिपर उसी प्रकार जा गिरा था जिस प्रकार दावाग्निसे जलकर बहुत ऊँचा शालमली तर लुड़क जाता है ।। ४२ ।। इसके उपरान्त जो जो पुलिन्द भट लड़नेके निश्चय से आगे बढ़ते थे उन सबके सबको एकाकी राजपुत्र ने संघर्ष में समाप्त कर दिया था, यह देखकर जब बाकी भीलोंने भागना प्रारम्भ किया तो उन्हें बीचमें हो रोककर युवराजने उनके नाक कान काट दिये थे ।। ४३ ।। पूर्ण विजय इस प्रकार राजपुत्र के द्वारा घास-पात के समान मारे काटे जानेपर कितने ही पुलिन्द भट उसीकी शरण में चले आये थे । तथा अन्य कुछ लोग मुखमें घास ( दूव ) दबाकर जीवित रहने के लिये ही उसके सामने भयसे काँपते हुए शरण में आये थे ।। ४४ ।। सेनापति महाकालके मर जानेपर वह पुलिन्द सेना इतनी भीत हो गयी थी कि उसके सैनिक दूरसे ही युवराजको देखकर शस्त्रोंको फेंक फेंक कर भाग गये थे । इस प्रकार शत्रु तथा शत्रुसेनाका मर्दन करके राजपुत्र वरांग भी लौटकर फिर समरांगण में आ गये थे ।। ४५ ।। विजयी वराङ्ग का स्वागत विजयी युवराज लौटकर आते ही समरभूमिमें विजय, क्षेम कुशल तथा उपद्रवकी समाप्तिकी सूचना देनेके लिये बहुत जोरसे पटह बजा था जिसकी सिंहनाद समान ध्वनिसे पूरा प्रदेश गूँज उठा था। उसे सुनते ही सार्थके सब आदमी आकर इकट्ठे हो गये थे तथा परस्पर में एक दूसरे की क्षेम कुशल, क्षतहीनता आदि को पूछने लगे थे ।। ४६ ।। १. [विजीविताशा: ] । २. [ हृतेश्वरा ] । ३. [ नरेश्वरोद्ग्राहित ] For Private & Personal Use Only Jain Education International चतुर्दश सर्गः [ २४५ ] www.jainelibrary.org
SR No.001826
Book TitleVarangcharit
Original Sutra AuthorSinhnandi
AuthorKhushalchand Gorawala
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1996
Total Pages726
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size16 MB
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