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________________ वरांग चरितम् आदित्यचन्द्रग्रहतारकारच विमाननक्षत्रगणप्रमाणाः । यथैव तिष्ठन्ति नभस्तलेऽस्मिस्तिष्ठन्त्यनाश्रित्य तथैव सिद्धाः ॥ ३६ ॥ विभाति सूर्यस्तु यथाभ्रमुक्तो यथैव खड्गश्च विमुक्तकोशः । यथा शिलागर्भविमुक्तहेम कृती तथा कर्मरजोविहीनः ॥ ३७ ॥ दीपाश्च दोपाश्च यथैव गेहे नान्योन्यबाधां जनयन्ति भान्तः । परस्पराबाधन विप्रमुक्तास्तथैव सिद्धा निवसन्ति तस्मिन् ॥ ३८ ॥ अनेकदीपावलिभासमूहः संतिष्ठतेऽन्योन्यम बाधमानः । एवंगुणो रूपिषु विद्यते चेदरूपिणां तत्र किमस्ति वाच्यम् ॥ ३९ ॥ ज्योत्स्नापौ तौ शशिनो रवेश्च मणेश्च दीप्तिर्गुणिनां गुणा हि । सद्दृष्टि सज्ज्ञानगुणैविशिष्टैः कर्मक्षयादात्मनि संभवेताम् ' ॥ ४० ॥ मुक्त की स्थिति सूर्य, चन्द्रमा, तारका, ग्रह, नक्षत्र आदिके विमानोंकी एक बड़ी भारी संख्या जिस प्रकार इस आकाशमें बिना किसी आधारके स्थित है उसी प्रकार मुक्त जोव भी किसी अन्य पदार्थका सहारा लिये बिना ही आधार रूपसे इस आकाशमें विराजमान हैं ॥ ३६ ॥ बादलोंको चीर कर ऊपर आया सूर्य जिस प्रकार चमकता है, मियानसे बाहर खींची गयी प्रखर तलवार जैसी चमचमातो है, मिट्टी तथा पत्थरोंके बीच मेंसे निकालकर शुद्ध किया गया सोना जैसा अनुपम आभासे भासित होता है उसी प्रकार कर्मरूपी शत्रुओंकी विजयमें कृतकृत्य जीव भी कर्ममैलसे मुक्त होकर शोभता है ॥ ३७ ॥ यदि एक ही हमें अनेक दीपक जलाये जायें तो उन सबका प्रकाश जिस तरह एक दूसरेको नहीं रोकता है इसी तरह अनन्त सिद्ध जीव सिद्ध लोकमें रहते हैं पर किसी प्रकारसे आपस में एक दूसरे से टकराते नहीं हैं ॥ ३८ ॥ एक साथ अनेक दीप पंक्तियों को प्रज्वलित करने पर उनका प्रकाशपुञ्ज आपसमें बिना टकराये ही अन्धकार दूर करता है। यदि रूपी प्रकाश ( क्योंकि प्रकाश की पौद्गलिक है ) में ऐसी विशेषता है तो अरूपी सिद्ध जीवोंकी तो कहना ही क्या है ॥ ३९ ॥ सिद्ध स्वरूप सूर्यका प्रखर आतप-उद्योत, चन्द्रमाको हृदयहारिणी तथा नेत्रसुधा समान चन्द्रिका अन्य अनेक प्रकारके मणियोंकी १. [ संभवेयुः ] । Jain Education International For Private & Personal Use Only 35224 दशमः सर्गः [ १६८] www.jainelibrary.org
SR No.001826
Book TitleVarangcharit
Original Sutra AuthorSinhnandi
AuthorKhushalchand Gorawala
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1996
Total Pages726
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size16 MB
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