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वर्णभेद जन्म से नहीं, चर्या से लगाता था, वह बड़ी देर से सुन रहा था, सफाई भी कर रहा था । उसने कहा, अच्छा तो मैं चला जाऊंगा! लोगों ने कहा, तू पागल है, तू समझता क्या है? तू सिर्फ बुहारी लगाता रहा है। उसने कहा, थोड़ा-बहुत जो भी समझ गया हूं... जब कोई जाने को राजी ही नहीं है, तो किसी का जाना जरूरी है तो मैं जाता हूं। __ कोई उपाय न देखकर बुहारी लगानेवाले उस बूढ़े को यहूदी विवाद में भेजने के लिए राजी हो गये। सारे रोम के यहूदी और ईसाई बीच चौक में रोम के इकट्ठे हुए। पोप भी थोड़ा चिंतित हुआ यह देखकर कि एक बुहारी लगाने वाला बूढ़ा यहूदी विवाद करने आया है। लेकिन कोई उपाय नहीं था, क्योंकि यहूदियों ने उसे अपना नेता चुना था । पोप ने विवाद शुरू किया, उसने आकाश की तरफ हाथ उठाकर यहूदी को आकाश दिखाया। जब पोप ने आकाश की तरफ इस तरह हाथ करके दिखाया तो यहूदी ने अपना हाथ जमीन की तरफ करके दिखाया । पोप बड़ा प्रसन्न हआ कि गजब का आदमी है, जभी तो चुना होगा इसको। फिर पोप ने एक अंगुली ठीक उस यहूदी के सामने कर दी। उस यहूदी ने तीन अंगुलियां पोप के सिर के सामने कर दी। ___ पोप को पसीना आ गया कि यह आदमी तो जीत जायेगा ! कोई उपाय न देखकर पोप ने अपने खीसे से एक सेव निकाला और उस सेवको यहूदी के सामने किया। उसने भी झट अपनी कमर में बंधे हुए एक बैग में से एक रोटी निकाली और पोप के सामने कर दी।
पोप ने कहा कि दिस मैन इज़ डिक्लेयर्ड विक्टोरियस ऐन्ड ज्यज़ कैन रिमेन इन रोम–यह आदमी जीत गया। यहदी रह सकते हैं रोम में।
सारे ईसाई पादरी चकित हुए। वे पास आये। जैसे ही यहूदियों का झुंड चला गया अपने नेता को लेकर, उन्होंने पोप से पूछा, 'इतनी जल्दी लेन-देन हुआ आप दोनों के बीच, और इतने चमत्कारी ढंग से कि हम तो कुछ समझ ही नहीं पाये कि हो क्या रहा है! और वह जीत भी गया! मामला क्या था, हमें समझाइये।'
पोप ने कहा कि मैंने उस बूढ़े को इशारा किया कि सारे जगत में एक ही परमात्मा का राज्य है। यहूदी बड़ा होशियार था-ही वाज़ ए मास्टर आफ डिबेट्स-उसने कहा, 'और नीचे शैतान का भी राज्य है, जमीन के नीचे पाताल । उसको मत भूल जाओ।'
बात सच्ची थी। मैंने उसके सामने फिर भी कहा, लेकिन परमात्मा एक ही है, दो कैसे हो सकता है? तो मैंने एक अंगुली उसके सामने की। उसने तीन अंगली मेरे मंह के सामने करके मझको ही हरा दिया। टिनिटी–तीन का सिद्धान्त : कि परमात्मा तीन
एक नहीं है। ईसाई मानते हैं कि परमात्मा तीन है, जैसा कि हिंदू मानते हैं त्रिमूर्ति । ईसाई मानते हैं : परमात्मा, होली घोस्ट और उसका पुत्र।
तो कोई उपाय ही नहीं था। मेरी ही चीज मेरे ही सिर पर मार दी उसने तीन बताकर । तो मैंने सोचा कि सिद्धान्तों में इसको उलझाना मुश्किल है। कोई और सरल-सा उपाय निकालूं, शायद उसमें हार जाए। तो मैंने अपने खीसे से एक सेव निकाला, कि कुछ नासमझ कहते हैं कि जमीन गोल है सेव की तरह-उस समय विज्ञान की नयी खोजें चल रही थीं; और विज्ञान सिद्ध कर रहा था कि जमीन वर्तुलाकार है, चपटी नहीं। __यहूदी भी गजब का था; रोटी को साथ लेकर आया था। उसने रोटी दिखा दी; कहा कि कोई कुछ भी कहे, लेकिन जैसा बाइबिल में कहा है कि जमीन रोटी की तरह सपाट और चपटी है। हारने के सिवा कोई उपाय नहीं था। __सिनागाग भागा हुआ उस यहूदी के पास पहुंचा । उन्होंने उस बुहारी लगानेवाले से कहा कि तूने हद कर दी! क्या गजब का आदमी है! हुआ क्या? उसने कहा, 'एवरीथिंग वाज़ जस्ट नानसेन्स । दैट मैन इज़ मैड। और अगर चौथा सवाल पूछता तो मैं उसको झपट्टा मार देता । बहुत गुस्सा मुझे आ रहा था।' 'फिर भी हुआ क्या? तू जीत तो गया!'
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