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महावीर-वाणी भाग : 2 कृष्ण-लेश्या अपनी आंख फोड़ सकती है, अगर दूसरे की दो फूटती हों । अपने लाभ का कोई सवाल नहीं है, दूसरे की हानि ही जीवन का लक्ष्य है । ऐसे व्यक्ति के आस-पास काला वर्तुल होगा।
महावीर कहते हैं, यह निम्नतम दशा है, जहां दूसरे का दुख ही एकमात्र सुख मालूम पड़ता है। ऐसा आदमी सुखी हो नहीं सकता, सिर्फ वहम में जीता है। क्योंकि हमें मिलता वही है जो हम दूसरों को देते हैं—वही लौट आता है । जगत एक प्रतिध्वनि है। इसलिए हमने यम को, मृत्यु को काले रंग में चित्रित किया है; क्योंकि उसका कुल रस इतना है कि कब आप मरें, कब आपको ले
ये। आपकी मृत्यु ही उसके जीवन का आधार है, इसीलिये काले रंग में हमने यम को पोता है। आपकी मृत्यु उसके जीवन का आधार है-कुल काम इतना है कि आप कब मरें, प्रतीक्षा इतनी है।
यह जो काला रंग है, इसकी कुछ खूबियां, वैज्ञानिक खूबियां समझ लेनी जरूरी हैं। काला रंग गहन भोग का प्रतीक है। काले रंग का वैज्ञानिक अर्थ होता है जब सूर्य की किरण आप तक आती है, तो उसमें सभी रंग होते हैं। इसलिए सूर्य की किरण सफेद है, शुभ्र है। सफेद सभी रंगों का जोड़ है, एक अर्थ में अगर आपकी आंख पर सभी रंग एक साथ पड़ें तो सफेद बन जायेंगे। छोटे बच्चों को स्कूल म एक सभा रगों का वर्तुल दे दिया जाता है, जब उस वर्तुल को जोर से घुमाया जाता है, तो सभी रंग गड-मट्ट हो जाते हैं और सफेद बन जाता है।
सफेद सभी रंगों का जोड़ है। जीवन का समग्र स्वीकार सफेद में है, कुछ अस्वीकार नहीं है, कुछ निषेध नहीं है। काला सभी रंगों का अभाव है, वहां कोई रंग नहीं है। जीवन में रंग होते हैं, मौत में कोई रंग नहीं...वहां कोई रंग नहीं है । जीवन रंगीन है, मौत रंग-विहीन
काले का अर्थ है...काला कोई रंग नहीं है, काला रंग का अभाव है। सभी रंगों के अभाव का नाम है, काला । और सभी रंगों के भाव का नाम है सफेद । और इन दोनों के बीच में बाकी रंगों की सीढ़ियां हैं, वैज्ञानिक अर्थों में । पर पुराने प्रतीक बड़े कीमती मालूम पड़ते हैं। मृत्यु को हमने काला रंग दिया है, क्योंकि वहां जीवन की सब रंगीनी समाप्त हो जाती है। वहां कोई रंग नहीं बचता।
दुख का रंग काला है। कोई मर जाता है तो हम काले कपड़े पहनते हैं। सब जीवन का रंग शून्य हो जाता है। जब आप काले कपड़े पहनते हैं तो वैज्ञानिक रूप से क्या घटता है? सूर्य की किरणें जब काले कपड़े पर पड़ती हैं तो कोई भी किरण वापस नहीं लौटती । काले कपड़े में सभी किरणें डूब जाती हैं। जब आपकी आंख देख रही है, उसका मतलब यह कि काला कपड़ा दिखाई पड़ रहा है। उसका मतलब यह कि उस कपड़े से आपकी आंख तक कोई भी किरण का हिस्सा नहीं आ रहा । काले कपड़े में सभी किरणें डूब गई हैं; आप तक कोई भी किरण नहीं आ रही है, इसलिए कपड़ा काला दिखाई पड़ रहा है। ___ ध्यान रहे, रंग आपको दिखाई पड़ते हैं उन किरणों से जो आपकी आंखों तक आती हैं। अगर आपको लाल साड़ी दिखाई पड़ रही है, तो उसका मतलब है कि उस कपड़े से लाल किरण वापस आ रही है। प्रकाश पड़ रहा है और लाल किरण कपड़े से वापिस लौटकर आपकी आंख पर आ रही है। लाल कपड़े का मतलब है कि उसने सब रंग पी लिए, सिर्फ लाल को नहीं पीया-वह लाल वापस लौट आया। पीले कपड़े का अर्थ है कि सब रंग पी लिए, पीला रंग नहीं पीया -पीला वापिस लौट आया।
तो जो आपको दिखाई पड़ता है लाल, वह सब रंग पी गया, सिर्फ लाल को उसने छोड़ दिया है-तो लाल किरण आपकी आंख पर आ रही है। सफेद कपड़े का अर्थ है, उसने सभी किरणें वापस लौटा दीं, कुछ भी नहीं पीया-इसलिए आपको सफेद दिखाई पड़ रहा है।
तो एक अर्थ में काला सभी रंगों का अभाव है, क्योंकि आंख तक कोई भी किरण नहीं आती। आंख के लिए सभी रंगों का अभाव
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