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गो० जीवकाण्डे ८९९९९९९७ ळिदरोळु प्रमत्ताविसयोगिकेवल्यवसानमाद गुणस्थानत्तिगळ संख्येयनेटु कोटियु तो भत्तो भत्तु लक्षमुं तो भत्तों भत्तु सासिरद मुन्नूरतों भत्तों भत्तं ८९९९९३९९ कळे युत्तिरलु शेषमयोगिकेवलिगलसंख्ये येरडुगुंदिदरुनूरक्कु ५९८ ॥ मिती पदि नाल्कुं गुणस्थानंगळोळु पेळ्द संख्येने संदृष्टिरचनेयिदु :
८९८५०२ २९९१५९८॥ २९९।५९८॥ २९९।० २९९।५९८॥
२९६९९१०३ | ५९३९८२०६ | प०४० ॥१३
५९८
५९८
प७०० को
प १०४ को
| प ५२ को
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अनंतरं चतुर्गतिगोळु मिथ्यादृष्टि सासादन मिश्रासंयतर संख्येयं साधिसुव पल्यद भाग५ हारविशेषंगळं पेन्दपं:
ओघासंजदमिस्सयसासणसम्माण भागहारा जे।
रूऊणावलियासंखेज्जेणिह भजिय तत्थ णिक्खित्ते ॥६३४।। ____ओघासंयतमिश्रकसासादनसम्यग्दृष्टीनां भागहारा ये । रूपोनावल्यसंख्यातेनेह विभज्य तत्र निक्षिप्ते ॥
देवाणं अवहारा होति असंखेण ताणि अवहरिय ।
तत्थेव य पक्खित्ते सोहम्मीसाण अवहारा ॥६३५॥ देवानामवहारा भवंति असंख्येन तानपहृत्य तत्रैव च निक्षिप्ते सौधर्मशानावहाराः। प्रमत्तादिसयोग्यवसानसंख्यायां ८९९९९३९९ अपनीतायां शेष द्वयू नषट्छतं अयोगिसंख्या भवति ।
५९८ ॥६३३।। अथ चतुर्गतिमिथ्यादृष्टिसासादमिश्रासंयतसंख्यासाधकपल्यभागहारविशेषानाह१६ अंक लिखनेपर ८९९९९९९७ तीन कम नौ करोड़ संख्या प्रमाण सब संयमियोंको मैं हाथोंकी
अंजलि मस्तकसे लगाकर मन, वचन, कायकी शुद्धिसे नमस्कार करता हूँ। यहाँ प्रमत्त गुणस्थानसे लेकर सयोग केवली पर्यन्त संख्या ८९९९९३९९ है। इस संख्याको सब संयमियोंकी संख्या में घटानेपर शेष दो कम छह सौ ५९८ अयोगियोंकी संख्या होती है ॥६३३॥
___ आगे चारों गतिके मिथ्यादृष्टि, सासादनसम्यग्दृष्टि, मिन और असंयतसम्यग्दृष्टियों२० की संख्याके साधक पल्यके भागहार विशेषोंको कहते हैं
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