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________________ कर्णाटवृत्ति जीवतत्त्वप्रदीपिका ७५१ तिकसमुद्घातमुळ्ळ जीवप्रमाणमक्कं - प प मत्तमिदं पल्यासंख्यातदिदं भागिसिदेभागं aa ११। पपप aaa दूरमारणांतिकसमुद्घातजीवप्रमाणमक्कं - प प मत्तं पल्यासंख्यातदिदमीराशियं भागि ११ पपपप aaaa a सुत्तविरलु तदेकभागमुपपाददंडस्थितजीवप्रमाणमक्कं - प प मी येरडु राशिगळं त्रिर a ११ । प प प पप aaaaa ज्वायत्त सूच्यं गुलसंख्यातभागविष्कंभोत्सेधद सनत्कुमारमाहेंद्रकल्पजदेवळिवं क्रियमाणमारणांतिकदंडक्षेत्रघनफलदिदं प्रतरांगुलसंख्यातेकभागगुणितरज्जुत्रयमादिदं मारणांतिकसमुद्घातजीव- ५ ** a. - प प पुनः पल्यासंख्यातभवतकभागो दूरमारणान्तिकसमुद्घातजीवप्रमाणं-५ ५१ पुनः ११ । । ११० प प प प aaa aaaa पल्यासंख्यातभक्तकभाग उपपाददण्डस्थितजीवप्रमाणं- प प अत्र दूरमारणान्तिकराशौ त्रिरज्ज्वा ११ a प प प प प aaaaa यतसूच्यङ्गुलसंख्यातभागविष्कम्भोत्सेधस्य सनत्कुमारद्वयदेवैः क्रियमाणमारणान्तिकदण्डस्थ घनफलेन प्रतरागुल देवोंके प्रमाणमें पल्यके असख्या 'मरदि असंखेजदिम' इत्यादि गाथासूत्रके अनुसार सानत्कुमार माहेन्द्र स्वर्गके देवोंके प्रमाणमें पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग दें। एक भाग प्रमाण देव प्रतिसमय मरते १० हैं। इस राशिमें भी पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग दें। बहुभाग प्रमाण विग्रहगतिवाले जीव होते हैं। इस राशिको पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग दें। बहुभाग प्रमाण मारणान्तिक समुद्घातवाले जीव हैं। इस राशिको भी पल्यके असंख्यातवे भागसे भाग दें। एक भाग प्रमाण दूर मारणान्तिक समुद्घात करनेवाले जीव हैं। इस राशिको भी पल्यके असंख्यातवें भागसे भाग दें। एक भाग प्रमाण उपपाददण्डस्थित जीवोंका प्रमाण है । सानत्कुमार १५ माहेन्द्र के देवोंके द्वारा किये गये मारणान्तिक दण्डका क्षेत्र तीन राजू लम्बा और सूच्यंगुलके संख्यातवें भाग चौड़ा व ऊँचा है। उसका घनक्षेत्रफल प्रतरांगुलके संख्यातवें भागसे तीन राजू'को गुणा करनेपर जो प्रमाण हो, उतना है। इस घनक्षेत्रफलसे दूर मारणान्तिक समुद्घातवाले जीवोंकी राशिमें गुणा करनेपर मारणान्तिक समुद्घातमें क्षेत्रका प्रमाण होता १. ब. सति तच्चतुः। २० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001817
Book TitleGommatasara Jiva kanda Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1997
Total Pages612
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Karma
File Size14 MB
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