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________________ १९५ कर्णाटवृत्ति जीवतत्त्वप्रदीपिका ६।८।२२।८।८।४।५।११। ८।८।१ aaaaa सर्वावगाहनस्थानंगळु समस्तमिनितप्पुवु-प। १९ । ८।९।८।।।२२।१।९।८ इवरो a ळिन्नेरडु रूपुगळं कळेयुत्तिरलुमा जीवन मध्यमावगाहनविकल्पंगळप्पुवु । ६॥ ८॥ २२।८।८।४।५।११।८।८।१ aaaa ५। १९ । । । ८।९।।। ८ । २२ । १।९।८ ई प्रकारदिदं सूक्ष्मलब्ध्यपर्याप्तवायुकायिक- ५ । मादियागि संजिपंचेंद्रियपर्याप्तकपयंतमप्प जीवंगळ स्वस्वजघन्यावगाहनस्थानमादियागि स्वस्वोत्कृष्टस्थानपर्यंतमप्पवगाहनस्थानंगळेल्लं तन्मध्यमविकल्पंगळ्सूत्रानुसारदिदं तरल्पडुवुवु ॥ अनंतरं मत्स्यरचनांतःप्रविष्टसर्वागाहनंगळ न्यासक्रमं पेळल्पडुगुमदेते दोड: ६ । ८ । २२।८।८।४। प । ११ । ८ । १ aaaaa सर्वावगाहनस्थानविकल्पा भवन्ति- प । १९ । ८ । ९। ८। २२। १।९। ८ एतेषु मध्ये रूपद्वये १० aaa a ६।८। २२ । ८।८।४। प। ११ । ८। aaaaa अपनीते तज्जीवमध्यमावगाहनस्थानानि भवन्ति । प। १९। ८।९।८।२२। ।९।८। अनेन a a a प्रकारेण सूक्ष्मलब्ध्यपर्याप्तकवायुकायिकादिसंज्ञिपञ्चेन्द्रियपर्याप्तकजीवानां स्वस्वजघन्यावगाहनस्थानमादि कृत्वा स्वस्वोत्कृष्टस्थानपर्यन्तं सर्वावगाहनस्थानानि तन्मध्यविकल्पांश्च सूत्रानुसारेण आनयेत् । अथ मत्स्यरचनान्तःप्रविष्टसर्वावगाहनविन्यासक्रमः कथ्यते तद्यथा-प्रथमं सूक्ष्मनिगोदलब्ध्यपर्याप्तक- १५ शेषको वृद्धिका भाग देकर और एक जोड़कर जो प्रमाण आता है ,उतने सूक्ष्म निगोदलब्ध्यपर्याप्तकके सब अवगाहनस्थानोंके विकल्प होते हैं। उनमें-से आदि स्थान और अन्तस्थानको कम कर देनेपर उसी जीवके मध्यम अवगाहनस्थान होते हैं। इसी प्रकारसे सूक्ष्मलब्ध्यपर्याप्तक वायुकायसे लेकर संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तक जीवोंके अपने-अपने जघन्य अवगाहनस्थानसे लेकर अपने-अपने उत्कृष्ट स्थान पर्यन्त सब अवगाहन स्थान तथा उनमें से २० आदिस्थान और अन्तस्थानको कम कर देनेपर मध्यम अवगाहनस्थान सूत्रके अनुसार लाना चाहिए। अब मत्स्याकार रचनामें अन्तःप्रविष्ट सब अवगाहन स्थानों के स्थापनका क्रम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001816
Book TitleGommatasara Jiva kanda Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages564
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Karma
File Size13 MB
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